Key Points From Daily Murli – 7th November 2024
1. “अच्छे–अच्छे बच्चे भी ब्राह्मण से फिर शूद्र बन जाते हैं। इसको कहा जाता है माया से हार खाना। बाबा की गोद से हारकर रावण की गोद में चले जाते हैं। कहाँ बाप की श्रेष्ठ बनने की गोद, कहाँ भ्रष्ट बनने की गोद। सेकण्ड में जीवनमुक्ति। सेकण्ड में पूरी दुर्दशा हो जाती है। ब्राह्मण बच्चे अच्छी रीति जानते हैं – कैसे दुर्दशा हो जाती है। आज बाप के बनते, कल फिर माया के पंजे में आकर रावण के बन जाते हैं। फिर तुम बचाने की कोशिश करते हो तो कोई–कोई बच भी जाते हैं। तुम देखते हो डूबते हैं तो बचाने की कोशिश करते रहो।”