Waah Drama Waah! Waah Baba Waah!

Key Points From Daily Sakar Vaani and Avyakt Vaani – In Hindi and English

Browsing:

Tag: Sakar Vaani

10th November 2025

“भल सेन्टर खोलें परन्तु घर में स्त्री–पुरुष की अनबनी नहीं होनी चाहिए। कोई घमसान नहीं चाहिए।” “You may open a centre, but there shouldn’t be any disagreements between husband and wife at home; there shouldn’t be any chaos.”   “अब Read more…


8th November 2025

“तुम बच्चे जानते हो हम आत्माओं का बाप हमको पढ़ाने आये हैं। हम भी दूरदेश के रहने वाले हैं। हम कोई यहाँ के रहने वाले नहीं हैं। यहाँ हम पार्ट बजाने आये हैं। बाप को भी हम परमधाम में याद Read more…


7th November 2025

“तुम भी किसको समझाते हो तो तुम आत्मा कहेंगे – शिवबाबा ऐसे कहते हैं। यह बाप भी कहेंगे – बाबा तुमको समझाते हैं। यहाँ मनुष्य, मनुष्य को नहीं समझाते हैं लेकिन परमात्मा आत्माओं को समझाते हैं या आत्मा, आत्मा को Read more…


6th November 2025

“मीठे बच्चे – तुम अभी बिल्कुल शडपंथ (किनारे) पर खड़े हो, तुम्हें अब इस पार से उस पार जाना है, घर जाने की तैयारी करनी है” “Sweet children, you are now on the shore and have to go across to Read more…


5th November 2025

“मीठे बच्चे – यह सारी दुनिया रोगियों की बड़ी हॉस्पिटल है, बाबा आये हैं सारी दुनिया को निरोगी बनाने” “Sweet children, this whole world is a big hospital of the diseased. Baba has come to make the whole world free Read more…


4th November 2025

“बाप कहते हैं बहुत जन्मों के अन्त में मैं प्रवेश करता हूँ। दिखाते हैं विष्णु की नाभी से ब्रह्मा निकला। अच्छा विष्णु फिर किसकी नाभी से निकला? उसमें एरो का निशान दे सकते हो कि दोनों ओत–प्रोत हैं। ब्रह्मा सो Read more…


3rd November 2025

“तुम मूँझो नहीं। तुम बेपरवाह बादशाह हो। असुरों के विघ्न पड़ने ही हैं। यह है ही रूद्र ज्ञान यज्ञ। तो पहले–पहले बाप का परिचय देना है। बाप कहते हैं मनमनाभव। जितना पुरुषार्थ करेंगे उस अनुसार पद पायेंगे।” “You mustn’t become Read more…


1st November 2025

“आत्मा को भी तुमने जाना है कि आत्मा क्या चीज़ है। दुनिया में तो एक भी मनुष्य नहीं, खास भारत आम दुनिया किसको भी पता नहीं कि आत्मा क्या चीज़ है। भल कहते हैं भ्रकुटी के बीच चमकता है अजब Read more…


31st October 2025

“तुम श्रीमत पर सबको रास्ता बताते हो। हर एक को समझाते हो – दो बाप हैं, एक हद का, दूसरा बेहद का। लौकिक बाप होते हुए भी सब पारलौकिक बाप को याद करते हैं परन्तु उनको जानते बिल्कुल नहीं हैं। Read more…


30th October 2025

“मीठेबच्चे – तुम्हें अभी बहुत–बहुत साधारण रहना है, फैशनेबुल ऊंचे कपड़े पहनने से भी देह–अभिमान आता है” “Sweet children, you now have to remain very, very simple. When you wear expensive, fashionable clothes, body consciousness comes.” “मीठे–मीठेबच्चों पास यह लक्ष्मी–नारायण Read more…


×