Key Points From Daily Murli – 2nd November 2024
2. “सारा मदार पुरूषार्थ पर है। पुरूषार्थ कर जितना ऊंच पद लेना हो ले सकते हो।“
3. “वह है बेहद का बाप, बेहद सुख देने वाला। समझाते हैं सतोप्रधान बनने से ही तुम बेहद का सुख पा सकेंगे। सतो बनेंगे तो कम सुख। रजो बनेंगे तो उससे कम सुख। हिसाब सारा बाप बतला देते हैं।“
4. “यह बहुत ऊंच था फिर इनके ही बहुत जन्मों के अन्त के भी अन्त में मैंने प्रवेश किया है। यह अच्छी रीति याद करो, भूलो नहीं। माया भुलाती बहुतों को है।“
5. “पवित्र या तो योगबल से होना है या फिर सजायें खाकर जायेंगे। सबका हिसाब–किताब चुक्तू जरूर होना है।“
6. “जितना–जितना तमोप्रधान से सतोप्रधान बनते जायेंगे, उतना अन्दर में तुमको खुशी भी होगी।“
7. “यह बाबा बहुत अनुभवी है। बाप कहते हैं मैं यह सब नहीं जानता। मैं तो ऊपर में रहता हूँ। यह सब बातें यह ब्रह्मा तुमको सुनाते हैं। यह अनुभवी है, मैं तो मनमनाभव की बातें ही सुनाता हूँ और सृष्टि चक्र का राज़ समझाता हूँ, जो यह नहीं जानते। यह अपना अनुभव अलग समझाते हैं, मैं इन बातों में नहीं जाता। मेरा पार्ट है सिर्फ तुमको रास्ता बताना। मैं बाप, टीचर, गुरू हूँ। टीचर बन तुमको पढ़ाता हूँ, बाकी इसमें कृपा आदि की कोई बात नहीं। पढ़ाता हूँ फिर साथ में ले जाने वाला हूँ। इस पढ़ाई से ही सद्गति होती है। मैं आया ही हूँ तुमको ले जाने।“
8. “पुरूषार्थ हमेशा ऊंच बनने का किया जाता है – हम लक्ष्मी–नारायण बनें।“
9. “किसी विशेष कार्य में मददगार बनना ही दुआओं की लिफ्ट लेना है।“