Key Points From Daily Murli – 14th February 2025
बुद्धियोग स्वच्छ बन बाप से लग सके, उसकी युक्ति कौन–सी रची हुई है?
उत्तर:-
7 दिन की भट्ठी। कोई भी नया आता है तो उसे 7 दिन के लिए भट्ठी में बिठाओ जिससे बुद्धि का किचड़ा निकले और गुप्त बाप, गुप्त पढ़ाई और गुप्त वर्से को पहचान सके। अगर ऐसे ही बैठ गये तो मूंझ जायेंगे, समझेंगे कुछ नहीं।”
“
जाग सजनियां जाग……”
1. “ओम् शान्ति। बच्चों को ज्ञानी तू आत्मा बनाने के लिए ऐसे–ऐसे जो गीत हैं वह सुनाकर फिर उसका अर्थ करना चाहिए तो वाणी खुलेगी। मालूम पड़ेगा कि कहाँ तक सृष्टि के आदि–मध्य–अन्त का ज्ञान बुद्धि में है।”
2. “मूल बात है ही आत्म–अभिमानी बनने की। अपने को आत्मा समझना है और बाप को याद करना है। यह श्रीमत है मुख्य। बाकी है डिटेल। बीज कितना छोटा है, बाकी झाड़ का विस्तार है। जैसे बीज में सारा ज्ञान समाया हुआ है वैसे यह सारा ज्ञान भी बीज में समाया हुआ है। तुम्हारी बुद्धि में बीज और झाड़ आ गया है।”
3. “कोई नया आये, बाबा महिमा करे कि स्वदर्शन चक्रधारी बच्चों, तो कोई समझ न सके। वह तो अपने को बच्चे ही नहीं समझते हैं। यह बाप भी गुप्त है तो नॉलेज भी गुप्त है, वर्सा भी गुप्त है। नया कोई भी सुनकर मूँझ पड़ेंगे इसलिये 7 दिन की भट्ठी में बिठाया जाता है। यह जो 7 रोज भागवत वा रामायण आदि रखते हैं, वास्तव में यह इस समय 7 दिन के लिए भट्ठी में रखा जाता है तो बुद्धि में जो भी सारा किचड़ा है वह निकालें और बाप से बुद्धियोग लग जाए। यहाँ सब हैं रोगी। सतयुग में यह रोग होते नहीं। यह आधाकल्प का रोग है, 5 विकारों का रोग बड़ा भारी है।”
4. “यह गीत कितना सुन्दर है, ड्रामा प्लैन अनुसार कल्प–कल्प ऐसे गीत बनते हैं, जैसेकि तुम बच्चों के लिए ही बनाये हुए हैं। ऐसे–ऐसे अच्छे–अच्छे गीत हैं। जैसे नयनहीन को राह दिखाओ प्रभू। प्रभू कोई श्रीकृष्ण को थोड़ेही कहते हैं। प्रभू वा ईश्वर निराकार को ही कहेंगे। यहाँ तुम कहते हो बाबा, परमपिता परमात्मा है। है तो वह भी आत्मा ना।”
5. “बाप को याद करो तो तुम स्वर्ग के मालिक बनेंगे। बरोबर यह लक्ष्मी–नारायण स्वर्ग के मालिक, सम्पूर्ण निर्विकारी थे। तो बाप को याद करने से ही तुम ऐसा सम्पूर्ण बनेंगे। जितना जो याद करते हैं और सर्विस करते हैं उतना वह ऊंच पद पाते हैं।”
6. “अपने आपको रिफ्रेश करने के लिए ज्ञान के जो अच्छे–अच्छे गीत बने हुए हैं उन्हें सुनना चाहिए। ऐसे–ऐसे गीत अपने घर में रखने चाहिए। किसको इस पर समझा भी सकेंगे। कैसे माया का फिर से परछाया पड़ता है।”
7. “यह गीत भी कोई ने तो बनवाये हैं। बाप बुद्धिवानों की बुद्धि है तो कोई की बुद्धि में आया है जो बैठ बनाया है। इन गीतों आदि पर भी तुम्हारे पास कितने ध्यान में जाते थे। एक दिन आयेगा जो इस ज्ञान के गीत गाने वाले भी तुम्हारे पास आयेंगे। बाप की महिमा में ऐसा गीत गायेंगे जो घायल कर देंगे। ऐसे–ऐसे आयेंगे। ट्यून पर भी मदार रहता है। गायन विद्या का भी बहुत नाम है। अभी तो ऐसा कोई है नहीं। सिर्फ एक गीत बनाया था कितना मीठा कितना प्यारा…… बाप बहुत ही मीठा बहुत ही प्यारा है तब तो सब उनको याद करते हैं।”
8. “चित्रों में राम के आगे भी शिव दिखाया है, राम पूजा कर रहा है। यह है रांग। देवतायें थोड़ेही किसको याद करते हैं। याद मनुष्य करते हैं। तुम भी अभी मनुष्य हो फिर देवता बनेंगे। देवता और मनुष्य में रात–दिन का फर्क है। वही देवतायें फिर मनुष्य बनते हैं।“
9. “तुम हो अननोन वारियर्स, नान वायोलेन्स। सचमुच तुम डबल अहिंसक हो। न काम कटारी, न वह लड़ाई। काम अलग है, क्रोध अलग चीज़ है। तो तुम हो डबल अहिंसक। नान वायोलेन्स सेना।”
10. “पवित्र आत्मा यहाँ रह न सके। वह चली जायेगी वापिस। आत्माओं को पावन बनाने की शक्ति एक बाप में है, और कोई पावन बना नहीं सकता। तुम बच्चे जानते हो यह सारी स्टेज है, इस पर नाटक होता है। इस समय सारी स्टेज पर रावण का राज्य है। सारे समुद्र पर सृष्टि खड़ी है। यह बेहद का टापू है। वह हैं हद के। यह है बेहद की बात। जिस पर आधाकल्प दैवी राज्य, आधाकल्प आसुरी राज्य होता है।”
11. “अब स्मृति से पुराना सौदा कैन्सिल कर सिंगल बनो। आपस में एक दो के सहयोगी भल रहो लेकिन कम्पेनियन नहीं। कम्पेनियन एक को बनाओ तो माया के सम्बन्धों से डायवोर्स हो जायेगा। मायाजीत, मोहजीत विजयी रहेंगे। अगर जरा भी किसी में मोह होगा तो तीव्र पुरूषार्थी के बजाए पुरूषार्थी बन जायेंगे इसलिए क्या भी हो, कुछ भी हो खुशी में नाचते रहो, मिरूआ मौत मलूका शिकार – इसको कहते हैं नष्टोमोहा। ऐसा नष्टोमोहा रहने वाले ही विजय माला के दाने बनते हैं।”