Waah Drama Waah! Waah Baba Waah!

Key Points From The Daily Murli – Hindi and English

Key Points From Daily Murli – 29th November 2024

 1.     “बाबा हमारा बाप, टीचर और सतगुरू है। विचित्र है। उनको अपना शरीर नहीं है, फिर आते कैसे हैं? कहते हैं मुझे प्रकृति का, मुख का आधार लेना पड़ता है। मैं तो विचित्र हूँ। तुम सभी चित्र वाले हो।”

 

2.    “यह बाप आकर तुमको कितनी ऊंच पढ़ाई पढ़ाते हैं, तो उसका कदर भी रखना चाहिए। उनकी श्रीमत पर चलना चाहिए। परन्तु माया घड़ीघड़ी भुला देती है। माया इतनी जबरदस्त है जो अच्छेअच्छे बच्चों को गिरा देती है। बाप कितना धनवान बनाते हैं परन्तु माया एकदम माथा मूड़ लेती है। माया से बचना है तो बाप को जरूर याद करना पड़े। बहुत अच्छे बच्चे हैं जो बाप का बनकर फिर माया के बन जाते हैं, बात मत पूछो, पक्के ट्रेटर बन जाते हैं। माया एकदम नाक से पकड़ लेती है।”

 

3.    “बाप जानते हैं हम आत्माओं से बात करते हैं। सब कुछ आत्मा ही करती है, विकर्म आत्मा ही करती है। आत्मा ही शरीर द्वारा भोगती है। तुम्हारे लिए तो ट्रिब्युनल बैठेगी। खास उन बच्चों के लिए जो सर्विस लायक बनकर फिर ट्रेटर बन जाते हैं। यह तो बाप ही जानते हैं, कैसे माया हप कर लेती है। बाबा हमने हार खा ली, काला मुँह कर लिया…… अब क्षमा करो। अब गिरा और माया का बना फिर क्षमा काहे की। उनको तो फिर बहुतबहुत मेहनत करनी पड़े। बहुत हैं जो माया से हार जाते हैं। बाप कहते हैंयहाँ बाप पास दान देकर जाओ फिर वापस नहीं लेना। नहीं तो खलास हो जायेगा।”

 

4.    “बच्चों में तो अहंकार रहता है। अच्छेअच्छे बच्चों को माया भुला देती है। बाबा समझ सकते हैं, कहते हैं मै नॉलेजफुल हूँ। जानीजाननहार का मतलब यह नहीं कि मैं सबके अन्दर को जानता हूँ। मै आया ही हूँ पढ़ानेख् ना कि रीड करने। मैं किसको रीड नहीं करता हूँ, तो यह साकार भी रीड नहीं करता है। इनको सब कुछ भूलना है। रीड फिर क्या करेंगे।”

 

5.    “बाप ही समझाते हैं बाकी तो सारी दुनिया की बुद्धि पर गॉडरेज का ताला लगा हुआ है। तुम समझते हो यह दैवीगुण वाले थे वही फिर आसुरी गुण वाले बने हैं।”

 

6.    “तुम बच्चे महावीर हो नाजो योगबल से माया पर जीत पाते हो। बाप को कहा जाता है ज्ञान का सागर। ज्ञान सागर बाप तुमको अविनाशी ज्ञान रत्नों की थालियां भरकर देते हैं। तुमको मालामाल बनाते हैं। जो ज्ञान धारण करते हैं वह ऊंच पद पाते हैं, जो धारणा नहीं करते तो जरूर कम पद पायेंगे।”

 

7.    “यह पढ़ाई ही नर से नारायण बनने की है। पुरानी दुनिया में आने की दिल किसकी होगी!”

 

8.    “बाप समझाते हैंमीठेमीठे बच्चों, तुम ही पूज्य से पुजारी बनते हो।”

 

9.    “अब फिर वापस घर जाना है। पतित कोई जा सके। आत्मा ही पतित अथवा पावन बनती है। सोने में खाद पड़ती है ना। जेवर में नहीं पड़ती, यह है ज्ञान अग्नि जिससे सारी खाद निकल तुम पक्का सोना बन जायेंगे फिर जेवर भी तुमको अच्छा मिलेगा। अभी आत्मा पतित है तो पावन के आगे नमन करते हैं। करती तो सब कुछ आत्मा है ना। अब बाप समझाते हैंबच्चे, सिर्फ मामेकम् याद करो तो बेड़ा पार हो जाए। पवित्र बन पवित्र दुनिया में चले जायेंगे। अब जो जितना पुरूषार्थ करेंगे।”

 

10. “बड़ा खबरदार रहना है। युद्ध का मैदान है ना। बाप कहते हैं अब विकार में मत जाओ, गन्दे नहीं बनो। अब तो स्वर्ग में चलना है। पवित्र बनकर ही पवित्र नई दुनिया के मालिक बनेंगे। तुमको विश्व की बादशाही देता हूँ। कम बात है क्या। सिर्फ यह एक जन्म पवित्र बनो। अब पवित्र नहीं बनेंगे तो नीचे गिर जायेंगे। टैम्पटेशन बहुत है। काम पर जीत पाने से तुम जगत के मालिक बनेंगे।”

 

11.  “आप बच्चों के पास डायरेक्ट परमात्म लाइट का कनेक्शन है। सिर्फ स्वमान की स्मृति का स्विच डायरेक्ट लाइन से आन करो तो लाइट जायेगी और कितना भी गहरा सूर्य की रोशनी को भी छिपाने वाला काला बादल हो, वह भी भाग जायेगा। इससे स्वयं तो लाइट में रहेंगे ही लेकिन औरों के लिए भी लाइट हाउस बन जायेंगे।”


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