“प्रश्नः–तुम बच्चों के मुख से कौन से शुभ बोल सदा निकलने चाहिए? उत्तर:-सदा मुख से यही शुभ बोल बोलो कि हम नर से नारायण बनेंगे, कम नहीं। हम ही विश्व के मालिक थे फिर से बनेंगे। लेकिन यह मंजिल ऊंची Read more…
“ पहले–पहले तो अपने को पहचानो। आत्मा है ही शान्त स्वरूप। रहने का स्थान भी शान्तिधाम है। यहाँ आती है तो कर्म जरूर करना पड़ता है। जब अपने शान्तिधाम में है तो शान्त है। सतयुग में भी शान्ति रहती है। Read more…
“प्रश्नः–रावण का श्राप कब मिलता है, श्रापित होने की निशानी क्या है? उत्तर:-जब तुम देह–अभिमानी बनते हो तब रावण का श्राप मिल जाता है। श्रापित आत्मायें कंगाल विकारी बनती जाती हैं, नीचे उतरती जाती हैं। अब बाप से वर्सा लेने Read more…
“प्रश्नः–तुम बच्चों की बुद्धि में जब ज्ञान की अच्छी धारणा हो जाती है तो कौन–सा डर निकल जाता है? उत्तर:-भक्ति में जो डर रहता कि गुरू हमें श्राप न दे देवे, यह डर ज्ञान में आने से, ज्ञान की धारणा Read more…
“मीठे–मीठे रूहानी बच्चों को ओम् का अर्थ तो सुनाया है। कोई–कोई सिर्फ ओम् कहते हैं, परन्तु कहना चाहिए ओम् शान्ति। सिर्फ ओम् का अर्थ निकलता है ओम् आत्मा। ओम् शान्ति का अर्थ है मैं आत्मा शान्त स्वरूप हूँ। हम आत्मा Read more…
“प्रश्नः– कौन–सा बल क्रिमिनल आंखों को फौरन ही बदल देता है? उत्तर:- ज्ञान के तीसरे नेत्र का बल जब आत्मा में आ जाता है तो क्रिमिनलपन समाप्त हो जाता है। बाप की श्रीमत है – बच्चे, तुम सब आपस में भाई–भाई Read more…
“बाप तुम आत्माओं को ज्ञान का तीसरा नेत्र देते हैं, जिससे आत्मा जान जाती है। शरीर बिगर तो आत्मा बात कर नहीं सकती। आत्माओं के रहने के स्थान को निर्वाणधाम कहा जाता है। तुम बच्चों को अब शान्तिधाम और सुखधाम Read more…
“शौक बहुत होना चाहिए, किसको भी रास्ता बताने का। जो खुद याद करते होंगे वही दूसरों को याद कराने का पुरुषार्थ करेंगे। बाप तो नहीं जाकर बात करेंगे। यह तो तुम बच्चों का काम है। गरीबों का भी कल्याण करना Read more…
“पहली बात तो बाप को याद करना है। उनसे ही तुम्हारा कैरेक्टर्स सुधरता है। आयु भी बड़ी होती है एक की याद से। यह तो हैं ज्ञान रत्न। याद को रत्न नहीं कहा जाता। याद से ही तुम्हारे कैरेक्टर सुधरते Read more…
“प्रश्नः–जिनकी बुद्धि में ज्ञान की धारणा नहीं होती है, उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:-वह छोटी–छोटी बातों में रंज (नाराज़) होते रहेंगे। जिसकी बुद्धि में जितना ज्ञान धारण होगा उतनी उसे खुशी रहेगी। बुद्धि में अगर यह ज्ञान रहे कि अभी Read more…