Key Points From Daily Murli – 3rd November 2024
1. “ब्राह्मण जीवन की पर्सनाल्टी प्युरिटी है और प्युरिटी ही रूहानी रॉयल्टी है। तो आदि अनादि, आदि मध्य और अन्त सारे कल्प में यह रूहानी रॉयल्टी चलती रही है।”
2. “प्युरिटी की वृत्ति है – शुभ भावना, शुभ कामना। कोई कैसा भी हो लेकिन पवित्र वृत्ति अर्थात् शुभ भावना, शुभ कामना और पवित्र दृष्टि अर्थात् सदा हर एक को आत्मिक रूप में देखना वा फरिश्ता रूप में देखना। तो वृत्ति, दृष्टि और तीसरा है कृति अर्थात् कर्म में, तो कर्म में भी सदा हर आत्मा को सुख देना और सुख लेना। यह है प्युरिटी की निशानी। वृत्ति, दृष्टि और कृति तीनों में यह धारणा हो।”
3. “कोई क्या भी करता है, दु:ख भी देता है, इन्सल्ट भी करता है, लेकिन हमारा कर्तव्य क्या है? क्या दु:ख देने वाले को फालो करना है या बापदादा को फालो करना है? फालो फादर है ना! यह सोचो मेरा कर्तव्य क्या है! उसका कर्तव्य देख अपना कर्तव्य नहीं भूलो। वह गाली दे रहा है, आप सहनशील देवी, सहनशील देव बन जाओ। आपकी सहनशीलता से गाली देने वाले भी आपको गले लगायेंगे। सहनशीलता में इतनी शक्ति है, लेकिन थोड़ा समय सहन करना पड़ता है।”
4. “अभी टीचर्स मिलकरके यह प्लैन बनाओ कि अपने चलन और चेहरे से बाप को प्रत्यक्ष कैसे करें? दुनिया वाले कहते हैं परमात्मा सर्वव्यापी है और आप कहते हो नहीं है। लेकिन बापदादा कहते हैं कि अभी समय प्रमाण हर टीचर में बाप प्रत्यक्ष दिखाई दे तो सर्वव्यापी दिखाई देगा ना! जिसको देखे उसमें बाप ही दिखाई दे। आत्मा, परमात्मा के आगे छिप जाये और परमात्मा ही दिखाई दे।”
5. “बापदादा ने सभी बच्चों को तीन स्मृतियों का तिलक दिया है, एक स्व की स्मृति फिर बाप की स्मृति और श्रेष्ठ कर्म के लिए ड्रामा की स्मृति। जिन्हें यह तीनों स्मृतियां सदा हैं उनकी स्थिति भी श्रेष्ठ है। आत्मा की स्मृति के साथ बाप की स्मृति और बाप के साथ ड्रामा की स्मृति अति आवश्यक है क्योंकि कर्म में अगर ड्रामा का ज्ञान है तो नीचे ऊपर नहीं होंगे। जो भी भिन्न–भिन्न परिस्थितियां आती हैं, उसमें अचल–अडोल रहेंगे।”