Waah Drama Waah! Waah Baba Waah!

Key Points From The Daily Murli – Hindi and English

Key Points From Daily Murli – 20th February 2025

 1.     “बाप बैठ आत्माओं को समझाते हैं, आत्मा ही सुनकर कांध हिलाती है। हम आत्मा हैं, बाबा हमको पढ़ाते हैं, यह पक्का करना है। बाप हमें पतित से पावन बनाते हैं। आत्मा में ही अच्छे वा बुरे संस्कार होते हैं ना। आत्मा आरगन्स द्वारा कहती है हमको बाबा पढ़ाते हैं। बाप कहते हैं हमको भी आरगन्स चाहिए, जिससे समझाऊं। आत्मा को खुशी होती है। बाबा हर 5 हज़ार वर्ष बाद आते हैं हमको सुनाने। तुम तो सामने बैठे हो ना। मधुबन की ही महिमा है। आत्माओं का बाप तो वह है ना, सब उनको बुलाते हैं। तुमको यहाँ सम्मुख बैठने में मज़ा आता है। परन्तु यहाँ सब तो रह नहीं सकते। अपनी कारोबार सर्विस आदि को भी देखना है। आत्मायें सागर के पास आती हैं, धारण कर फिर जाए औरों को सुनाना है।”

 

2.    “तुम बच्चों को अपनी इस लाइफ से कभी तंग नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह हीरे जैसा जन्म गाया हुआ है। इनकी सम्भाल भी करनी होती है। तन्दुरूस्त होंगे तो नॉलेज सुनते रहेंगे। बीमारी में भी सुन सकते हैं। बाप को याद कर सकते हैं। यहाँ जितना दिन जियेंगे सुखी रहेंगे। कमाई होती रहेगी, हिसाबकिताब चुक्तू होता रहेगा।”

 

3.    “आत्मा क्या है, वह भी समझाता हूँ। इनको सोल रियलाइज़ेशन कहा जाता है। आत्मा भृकुटी के बीच में रहती है। कहते भी हैं भृकुटी के बीच चमकता है अजब सितारा……. परन्तु आत्मा क्या चीज़ है, यह बिल्कुल कोई नहीं जानते हैं। जब कोई कहते हैं कि आत्मा का साक्षात्कार हो तो उन्हें समझाओ कि तुम तो कहते हो भृकुटी के बीच स्टार है, स्टार को क्या देखेंगे? टीका भी स्टार का ही देते हैं। चन्द्रमा में भी स्टार दिखाते हैं। वास्तव में आत्मा है स्टार। अभी बाप ने समझाया है तुम ज्ञान स्टार्स हो, बाकी वह सूर्य, चांद, सितारे तो माण्डवे को रोशनी देने वाले हैं। वह कोई देवतायें नहीं हैं। भक्ति मार्ग में सूर्य को भी पानी देते हैं।”


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×