“प्रश्नः–21 जन्मों के लिए लॉटरी प्राप्त करने का पुरुषार्थ क्या है? उत्तर:-21 जन्मों की लॉटरी लेनी है तो मोहजीत बनो। एक बाप पर पूरा–पूरा कुर्बान जाओ। सदा यह स्मृति में रहे कि अब यह पुरानी दुनिया बदल रही है, हम Read more…
“ड्रामा अक्षर भी तुम बच्चों की बुद्धि में आता है। खेल अक्षर कहने से ही सारा खेल तुम्हारी बुद्धि में आ जाता है। गोया स्वदर्शन चक्रधारी तुम आपेही बन जाते हो। तीनों लोक भी तुम्हारी बुद्धि में आ जाते हैं। Read more…
“प्रश्नः–बच्चों को किस एक बात में मेहनत लगती है लेकिन खुशी और याद का वही आधार है? उत्तर:-आत्म–अभिमानी बनने में ही मेहनत लगती है लेकिन इसी से खुशी का पारा चढ़ता है, मीठा बाबा याद आता है। माया तुम्हें देह–अभिमान Read more…
“भल सेन्टर खोलें परन्तु घर में स्त्री–पुरुष की अनबनी नहीं होनी चाहिए। कोई घमसान नहीं चाहिए।” “You may open a centre, but there shouldn’t be any disagreements between husband and wife at home; there shouldn’t be any chaos.” “अब Read more…
“तुम बच्चे जानते हो हम आत्माओं का बाप हमको पढ़ाने आये हैं। हम भी दूरदेश के रहने वाले हैं। हम कोई यहाँ के रहने वाले नहीं हैं। यहाँ हम पार्ट बजाने आये हैं। बाप को भी हम परमधाम में याद Read more…
“तुम भी किसको समझाते हो तो तुम आत्मा कहेंगे – शिवबाबा ऐसे कहते हैं। यह बाप भी कहेंगे – बाबा तुमको समझाते हैं। यहाँ मनुष्य, मनुष्य को नहीं समझाते हैं लेकिन परमात्मा आत्माओं को समझाते हैं या आत्मा, आत्मा को Read more…
“मीठे बच्चे – तुम अभी बिल्कुल शडपंथ (किनारे) पर खड़े हो, तुम्हें अब इस पार से उस पार जाना है, घर जाने की तैयारी करनी है” “Sweet children, you are now on the shore and have to go across to Read more…
“मीठे बच्चे – यह सारी दुनिया रोगियों की बड़ी हॉस्पिटल है, बाबा आये हैं सारी दुनिया को निरोगी बनाने” “Sweet children, this whole world is a big hospital of the diseased. Baba has come to make the whole world free Read more…
“बाप कहते हैं बहुत जन्मों के अन्त में मैं प्रवेश करता हूँ। दिखाते हैं विष्णु की नाभी से ब्रह्मा निकला। अच्छा विष्णु फिर किसकी नाभी से निकला? उसमें एरो का निशान दे सकते हो कि दोनों ओत–प्रोत हैं। ब्रह्मा सो Read more…
“तुम मूँझो नहीं। तुम बेपरवाह बादशाह हो। असुरों के विघ्न पड़ने ही हैं। यह है ही रूद्र ज्ञान यज्ञ। तो पहले–पहले बाप का परिचय देना है। बाप कहते हैं मनमनाभव। जितना पुरुषार्थ करेंगे उस अनुसार पद पायेंगे।” “You mustn’t become Read more…