Key Points From Daily Murli – 8th January 2025
1. “ज्ञान काण्ड अलग है, भक्ति काण्ड अलग है। भक्ति करते–करते उतरते ही आते हैं। यह ज्ञान तो एक ही बार मिलता है। बाप एक ही बार सर्व की सद्गति करने आते हैं। बाबा आकर सबकी एक ही बार प्रालब्ध बनाते हैं – भविष्य की। तुम पढ़ते ही हो भविष्य नई दुनिया के लिए। बाप आते ही हैं नई राजधानी स्थापन करने इसलिए इनको राजयोग कहा जाता है।”
2. “बाप कहते हैं – बच्चे, देह सहित देह के सब धर्म त्याग, अपने को अशरीरी आत्मा समझ मुझ बाप को याद करो। कितना सहज समझाते हैं। रावण राज्य के कारण तुम सब देह–अभिमानी बने हो। अभी बाप तुमको आत्म–अभिमानी बनाते हैं। अपने को आत्मा समझ मुझ बाप को याद करते रहो तो आत्मा में जो खाद पड़ी है, वह निकल जाए।”