Waah Drama Waah! Waah Baba Waah!

Key Points From Daily Sakar Vaani and Avyakt Vaani – In Hindi and English

Key Points From Daily Murli – 8th February 2025

 1.     “शान्ति तो शान्तिधाम में ही हो सकती है, जिसको मूलवतन कहा जाता है। आत्मा को जब शरीर नहीं है तब शान्ति है। सतयुग में पवित्रतासुखशान्ति सब है।”

 

2.    “रूहानी बाप बैठ रूहानी बच्चों को समझाते हैं। सब मनुष्य मात्र यह जानते हैं कि मेरे अन्दर आत्मा है। जीव आत्मा कहते हैं ना। पहले हम आत्मा हैं, पीछे शरीर मिलता है। कोई ने भी अपनी आत्मा को देखा नहीं है। सिर्फ इतना समझते हैं कि आत्मा है। जैसे आत्मा को जानते हैं, देखा नहीं है, वैसे परमपिता परमात्मा के लिए भी कहते हैं परम आत्मा माना परमात्मा, परन्तु उनको देखा नहीं है। अपने को, बाप को देखा है। कहते हैं कि आत्मा एक शरीर छोड़ दूसरा लेती है। परन्तु यथार्थ रीति नहीं जानते।”

 

3.    “शिवबाबा ब्रह्मा द्वारा देवता धर्म यानी नई दुनिया की स्थापना कर रहे हैं, शंकर द्वारा पुरानी दुनिया का विनाश फिर विष्णु द्वारा नई दुनिया की पालना कराते हैं, यह सिद्ध हो जाए। ब्रह्मा सो विष्णु, विष्णु सो ब्रह्मा, दोनों का कनेक्शन है ना। ब्रह्मासरस्वती सो फिर लक्ष्मीनारायण बनते हैं। चढ़ती कला एक जन्म में होती है फिर उतरती कला में 84 जन्म लगते हैं।”

 

4.    “जैसे कहावत हैधरत परिये धर्म छोड़िये”, तो कोई भी सरकमस्टांश जाए, माया के महावीर रूप सामने जाएं लेकिन धारणायें छूटे। संकल्प द्वारा त्याग की हुई बेकार वस्तुयें संकल्प में भी स्वीकार हों। सदा अपने श्रेष्ठ स्वमान, श्रेष्ठ स्मृति और श्रेष्ठ जीवन के समर्थी स्वरूप द्वारा श्रेष्ठ पार्टधारी बन श्रेष्ठता का खेल करते रहो। कमजोरियों के सब खेल समाप्त हो जाएं। जब ऐसी सम्पूर्ण आहुति का संकल्प दृढ़ होगा तब परिवर्तन समारोह होगा। इस समारोह की डेट अब संगठति रूप में निश्चित करो।”


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