Waah Drama Waah! Waah Baba Waah!

Key Points From The Daily Murli – Hindi and English

Key Points From Daily Murli – 5th November 2024

 1.    “एक है रूहानी बाप की श्रीमत, दूसरी है रावण की आसुरी मत।

 

2.    “आसुरी मत जबसे मिलती है, तुम नीचे गिरते ही आते हो।”

 

3.    “श्रीमत तुम बच्चों को मिलती है फिर से श्रेष्ठ बनने के लिए। तुम यहाँ आये ही हो श्रेष्ठ बनने के लिए।”

 

4.    “पुरूषार्थ करने लगते हैं तो माया के विघ्न भी पड़ते हैं। रावण पर जीत पानी होती है। सारी सृष्टि पर इस रावण का राज्य है। अभी तुम समझते हो हम योगबल से रावण पर हर कल्प जीत पाते आये हैं।”

 

5.    “भक्ति में कनरस बहुत मिलता है इसलिए छोड़ते नहीं।”

 

6.    “यह बाबा भी जानते हैं हमने अपना यह शरीर रूपी मकान किराये पर दिया है। यह मकान है ना। इसमें आत्मा रहती है। हमको बहुत फखुर रहता हैभगवान को हमने किराये पर मकान दिया है! ड्रामा प्लेन अनुसार और कोई मकान उनको लेना ही नहीं है। कल्पकल्प यह मकान ही लेना पड़ता है। इनको तो खुशी होती है ना। परन्तु फिर हंगामा भी कितना मचा। यह बाबा हंसीकुड़ी में कब बाबा को कहते हैंबाबा, आपका रथ बना तो हमको इतनी गाली खानी पड़ती है। बाप कहते हैं सबसे जास्ती गाली मुझे मिली। अब तुम्हारी बारी है। ब्रह्मा को कब गाली मिली नहीं हैं। अब बारी आयी है। रथ दिया है यह तो समझते हैं ना तो जरूर बाप से मदद भी मिलेगी। फिर भी बाबा कहते हैं बाप को निरन्तर याद करना, इसमें तुम बच्चे इनसे भी जास्ती तीखे जा सकते हो क्योंकि इनके ऊपर तो मामला बहुत हैं। भल ड्रामा कहकर छोड़ देते हैं फिर भी कुछ लैस जरूर आती है। यह बिचारे बहुत अच्छी सर्विस करते थे। यह संगदोष में खराब हो गये। कितनी डिससर्विस होती है। ऐसाऐसा काम करते हैं, लैस जाती है। उस समय यह नहीं समझते कि यह भी ड्रामा बना हुआ है। यह फिर बाद में ख्याल आता है। यह तो ड्रामा में नूँध है ना। माया अवस्था को बिगाड़ देती है तो बहुत डिस सर्विस हो जाती है। कितना अबलाओं आदि पर अत्याचार हो जाते हैं। यहाँ तो खुद के बच्चे ही कितनी डिससर्विस करते हैं। उल्टा सुल्टा बोलने लग पड़ते हैं।”

 

7.    “अभी हम श्रीमत पर कितना श्रेष्ठ बनते हैं। आसुरी मत से कितना भ्रष्ट बने हैं। टाइम लगता है ना। माया की युद्ध चलती रहेगी। अभी तुम्हारी विजय तो जरूर होनी है।

 

8.    “इस पुरूषोत्तम संगमयुग पर ही स्थापना और विनाश होता है। यह सारी डीटेल तुम बच्चों की बुद्धि में है। बरोबर बाप हमारे द्वारा स्थापना करा रहे हैं। फिर हम ही राज्य करेंगे। बाबा को थैंक्स भी नहीं देंगे! बाप कहते हैं यह भी ड्रामा में नूँध हैं। मैं भी इस ड्रामा के अन्दर पार्टधारी हूँ। ड्रामा में सबका पार्ट नूँधा हुआ है। शिवबाबा का भी पार्ट है। हमारा भी पार्ट है। थैंक्स देने की बात नहीं। शिवबाबा कहते हैं मैं तुमको श्रीमत दे रास्ता बताता हूँ और कोई बता सके।”

 

9.    “मंत्र ही यह है मनमनाभव, मध्याजी भव।”

 

10. “कोई गिरते हैं तो फिर ज्ञान आदि सारा खत्म हो जाता है। कलाकाया माया ले लेती है। सब कला निकाल कला रहित कर देती है। विकार में ऐसे फँस जाते हैं, बात मत पूछो।”

 

11.  “गुरू वह जो सद्गति दे।”

 

12. “सदा यह स्लोगन याद रहे कि जो हुआ अच्छा हुआ, अच्छा है और अच्छा ही होना है। बुराई को बुराई के रूप में देखें। लेकिन बुराई में भी अच्छाई का अनुभव करें, बुराई से भी अपना पाठ पढ़ लें। कोई भी बात आये तोक्या होगायह संकल्प आये लेकिन फौरन आये किअच्छा होगा बीत गया अच्छा हुआ।”

 


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