Key Points From Daily Murli – 31st October 2024
- “कभी भी कोई विकार की बात हमारे आगे आ नहीं सकती, सिर्फ विकार की भी बात नहीं। एक भूत नहीं परन्तु कोई भी भूत आ नहीं सकता। ऐसा शुद्ध अहंकार रहना चाहिए। बहुत ऊंच ते ऊंच भगवान के हम बच्चे भी ऊंच ते ऊंच ठहरे ना। बातचीत, चलन कैसी रॉयल होनी चाहिए।”
- “अन्दर में सोचो हम कितने ऊंच ते ऊंच बाप के बच्चे हैं, हमारा कैरेक्टर कितना ऊंच होना चाहिए। जो इन देवी–देव–ताओं की महिमा है, वह हमारी होनी चाहिए। प्रजा की थोड़ेही महिमा है।”
- “ज्ञान सागर बाप तुम्हें ज्ञान तो इतना देते हैं जो सागर को स्याही बनाओ, सारा जंगल कलम बनाओ तो भी अन्त नहीं हो सकता।”
- “कोई–कोई प्रश्न पूछते हैं – देवतायें गिरते क्यों हैं? अरे, यह चक्र फिरता रहता है। पुनर्जन्म लेते–लेते नीचे तो उतरेंगे ना! चक्र तो फिरना ही है।”