Key Points From Daily Murli – 31st December 2024
2. “यह ज्ञान तुम्हें अभी ही मिलता है क्योंकि तुम जानते हो अभी आत्मा पतित बन पड़ी है। पतित होने कारण जो काम करती है वह सभी उल्टा हो जाता है। बाप सुल्टा काम कराते, माया उल्टा काम कराती है।”
3. “बाप कहते हैं इस दुनिया में सभी भ्रष्टाचार से पैदा होते हैं। तुम बच्चों से कई पूछते हैं वहाँ जन्म कैसे होगा? बोलो, वहाँ तो 5 विकार ही नहीं, योगबल से बच्चे पैदा होते हैं। पहले ही साक्षात्कार होता है कि बच्चा आने वाला है। वहाँ विकार की बात नहीं। यहाँ तो बच्चों को भी माया गिरा देती है।”
4. “सारा मदार पुरूषार्थ पर है। स्कूल में आयेंगे ही नहीं तो कैरेक्टर कैसे सुधरेंगे? इस समय सबके कैरेक्टर्स खराब हैं। विकार ही पहले नम्बर का खराब कैरेक्टर्स है इसलिए बाप कहते हैं – बच्चों, काम विकार तुम्हारा महाशत्रु है।”
5. “मुख्य है बाप की याद। दैवीगुण भी धारण करने हैं। कोई कुछ छी–छी बोले तो सुना–अनसुना कर देना चाहिए। हियर नो ईविल… ऊंच पद पाना है तो मान–अपमान, दु:ख–सुख, हार–जीत सब सहन जरूर करना है। बाप कितनी युक्तियाँ बतलाते हैं। फिर भी बच्चे बाप का भी सुना–अनसुना कर देते हैं तो वह क्या पद पायेंगे? बाप कहते हैं जब तक अशरीरी नहीं बने हैं तब तक माया की कुछ न कुछ चोट लगती रहेगी। बाप का कहना नहीं मानते तो बाप का डिसरिगार्ड करते हैं। फिर भी बाप कहते हैं बच्चे, सदा जीते जागते रहो और बाप को याद कर ऊंच पद पाओ।”
6. “माया की चोट से बचने के लिए अशरीरी रहने का अभ्यास जरूर करना है।”