Key Points From Daily Murli – 28th January 2025
2. “तुम हीरे आदि क्या करेंगे। तुमको तो दरकार ही नहीं। वो लोग तो रेस में बहुत पैसे उड़ाते हैं। मकान, प्रापर्टी आदि बनाते रहते हैं। तुम बच्चे तो सच्ची कमाई कर रहे हो। तुम कोई से उधार लो तो फिर 21 जन्म के लिए भरकर देना पड़े। तुम्हें किसी से उधार लेने का हुक्म नहीं है। तुम जानते हो इस समय है झूठी कमाई, जो खत्म हो जाने वाली है। बाबा ने देखा यह तो कौड़ियाँ हैं, हमको हीरे मिलते हैं, तो फिर यह कोड़ियाँ क्या करेंगे? क्यों न बाप से बेहद का वर्सा लेवें।”
3. “अब बाप समझाते हैं अपना धन्धा आदि शरीर निर्वाह के लिए भल करो परन्तु अपने को ट्रस्टी समझकर, तो ऊंच पद मिलेगा। फिर ममत्व मिट जायेगा।”
4. “निर्मल स्वभाव निर्मानता की निशानी है। निर्मल बनो तो सफलता मिलेगी।“
5. “मन–बुद्धि को एकाग्र करने के लिए मनमनाभव के मंत्र को सदा स्मृति में रखो। मनमनाभव के मंत्र की प्रैक्टिकल धारणा से पहला नम्बर आ सकते हो। मन की एकाग्रता अर्थात् एक की याद में रहना, एकाग्र होना यही एकान्त है। जब सर्व आकर्षणों के वायब्रेशन से अन्तर्मुख बनेंगे तब मन्सा द्वारा पूरे विश्व को सकाश देने की सेवा कर सकेंगे।”