Key Points From Daily Murli – 27th November 2024
2. “अब यह तो है रूहानी नशा। तुम जानते हो बेहद का बाप टीचर बन हमको पढ़ाते हैं और डायरेक्शन देते हैं – ऐसे–ऐसे करो। कोई–कोई समय में किसको मिथ्या अहंकार भी आ जाता है। माया है ना। ऐसी–ऐसी बातें बनाते हैं जो बात मत पूछो। बाबा समझते हैं यह चल नहीं सकेंगे। अन्दर की बड़ी सफाई चाहिए। आत्मा बहुत अच्छी चाहिए।”
3. “मीठे–मीठे बच्चों तुम जानते हो ना इस समय तुम्हारी आत्मा और शरीर दोनों ही पतित हैं। अभी तुम निकल आये हो। जो–जो निकलकर आये हैं उनमें ज्ञान की पराकाष्ठा है ना। तुमको बाप मिला तो फिर क्या! यह नशा जब चढ़े तब तुम किसको समझा सको। बाप आया हुआ है। बाप हमारी आत्मा को पवित्र बना देते हैं। आत्मा पवित्र बनने से फिर शरीर भी फर्स्टक्लास मिलता है।”
4. “तुम इतना ऊंच थे फिर गिरते–गिरते आकर नीचे पड़े हो। शिवालय में थे तो आत्मा कितनी शुद्ध थी।”
5. “आत्मा की बात है। आत्मा पर ही तरस पड़ता है। एकदम तमोप्रधान दुनिया में आकर आत्मा बैठी है इसलिए बाप को याद करती है – बाबा, हमको वहाँ ले जाओ। यहाँ बैठे भी तुमको यह ख्यालात चलाने चाहिए इसलिए बाबा कहते हैं बच्चों के लिए फर्स्टक्लास युनिवर्सिटी बनाओ।”
6. “अभी तुम्हारी लड़ाई है ही रावण से। देह–अभिमान भी कमाल करता है, जो बिल्कुल पतित बना देता है। देही–अभिमानी होने से आत्मा शुद्ध बन जाती है।”
7. “समझते हैं कि बाबा आया है हमको नर से नारायण बनाने परन्तु माया का बड़ा गुप्त मुकाबला है। तुम्हारी लड़ाई है ही गुप्त इसलिए तुमको अननोन–वारियर्स कहा गया है। अननोन वारियर और कोई होता ही नहीं। तुम्हारा ही नाम है वारियर्स। और तो सबके नाम रजिस्टर में हैं ही। तुम अननोन वारियर्स की निशानी उन्होंने पकड़ी है। तुम कितने गुप्त हो, किसको पता नहीं। तुम विश्व पर विजय पा रहे हो माया को वश करने के लिए। तुम बाप को याद करते हो फिर भी माया भुला देती है।”
8. “कहाँ भी रहते याद करो तो जंक उतर जाये।”
9. “पहले बाप की याद फिर टीचर की फिर गुरू की, कायदा ऐसे कहता है। टीचर को तो जरूर याद करेंगे, उनसे पढ़ाई का वर्सा मिलता है फिर वानप्रस्थ अवस्था में गुरू मिलता है।”
10. “बाप कहते हैं अच्छा वा बुरा हो – तुम बाप का डायरेक्शन ही समझो। उन पर चलना पड़े। इनकी कोई भूल भी हो जायेगी तो अभुल करा देंगे। उनमें ताकत तो है ना। तुम देखते हो यह कैसे चलते हैं, इनके सिर पर कौन बैठे हैं। एकदम बाजू में बैठे हैं। गुरू लोग बाजू में बिठाकर सिखलाते हैं ना। तो भी मेहनत इनको करनी होती है। तमोप्रधान से सतोप्रधान बनने में पुरूषार्थ करना पड़ता है।”
11. “अपने ख्यालात बड़े आलीशान रखने हैं। बहुत अच्छी रॉयल युनिवर्सिटी और हॉस्टल खोलने का प्रबन्ध करना है। बाप का गुप्त मददगार बनना है, अपना शो नहीं करना है।”