Key Points From Daily Murli – 25th December 2024
2. “एक बाप बीजरूप को ही ज्ञान का सागर कहा जाता है। वह इस सृष्टि चक्र में नहीं आते हैं। ऐसे नहीं कि हम आत्मा सो परमात्मा बन जाते हैं। नहीं, बाप आपसमान नॉलेजफुल बनाते हैं। आप समान गॉड नहीं बनाते, इन बातों को अच्छी रीति समझना चाहिए तब ही बुद्धि में चक्र चल सकता है। तुम बुद्धि से समझ सकते हो कि हम कैसे 84 के चक्र में आते हैं। इसमें समय, वर्ण, वंशावली सब आ जाते हैं। इस नॉलेज से ही ऊंच ते ऊंच बनते हैं।“
3. “कदम–कदम पर सावधानी रखनी होती है। मन्सा–वाचा–कर्मणा बहुत शुद्ध रहना है। अन्दर कोई भी गन्दगी नहीं होनी चाहिए। बाप को घड़ी–घड़ी बच्चे भूल जाते हैं। बाप को भूलने से बाप की शिक्षा भी भूल जाते हैं। हम स्टूडेन्ट हैं, यह भी भूल जाते हैं। है बहुत सहज। बाप की याद में ही करामात है। ऐसी करामात और कोई भी बाप सिखला न सके। इस करामात से ही तमोप्रधान से सतोप्रधान बनते हैं।”
4. “सबसे बड़े ज्ञानी वह हैं जो आत्म–अभिमानी रहते हैं।”