Key Points From Daily Murli – 23rd November 2024
किस स्मृति में रहो तो देह–अभिमान नहीं आयेगा?
उत्तर:-
सदा स्मृति रहे कि हम गॉडली सर्वेन्ट हैं। सर्वेन्ट को कभी भी देह–अभिमान नहीं आ सकता। जितना–जितना योग में रहेंगे उतना देह–अभिमान टूटता जायेगा।
प्रश्नः–
देह–अभिमानियों को ड्रामा अनुसार कौन–सा दण्ड मिल जाता है?
उत्तर:-
उनकी बुद्धि में यह ज्ञान बैठता ही नहीं है। साहूकार लोगों में धन के कारण देह–अभिमान रहता है इसलिए वह इस ज्ञान को समझ नहीं सकते, यह भी दण्ड मिल जाता है। गरीब सहज समझ लेते हैं।”
1. “अच्छे–अच्छे बच्चे जो अपने को महावीर समझते हैं उनको ही माया पकड़ती है। बड़ी ऊंची मंजिल है। बड़ी खबरदारी रखनी है। बॉक्सिंग कम नहीं है। बड़े ते बड़ी बॉक्सिंग है। रावण को जीतने का युद्ध का मैदान है। थोड़ा भी देह का अभिमान न आये ‘मैं ऐसी सर्विस करता हूँ, यह करता हूँ….’। हम तो गॉडली सर्वेन्ट हैं। हमको पैगाम देना ही है, इसमें गुप्त मेहनत बहुत है। तुम ज्ञान और योगबल से अपने को समझाते हो। इसमें गुप्त रह विचार सागर मंथन करें तब नशा चढ़े।”
2. “ज्ञान भल अच्छा है योग कम है तो बैटरी भर न सकें क्योंकि देह का अहंकार बहुत रहता है। योग कुछ भी है नहीं, इसलिए ज्ञान बाण में जौहर नहीं भरता। तलवार में भी जौहर होता है।”
3. “दैवी चलन रखो, क्रोध में आकर भौंकते क्यों हो! स्वर्ग में क्रोध होता नहीं। बाप कुछ भी सामने समझाते थे, कभी भी गुस्सा नहीं आता था। बाबा सब रिफाइन करके समझाते हैं। ड्रामा कायदे अनुसार चलता रहता है। ड्रामा में कोई भूल नहीं है। अनादि अविनाशी बना हुआ है।”
4. “बाबा कहते हैं गरीब हो और ही अच्छा। साहूकार होते तो यहाँ आते ही नहीं।“
5. “इस बने–बनाये ड्रामा को एक्यूरेट समझना है, इसमें कोई भूल हो नहीं सकती। जो एक्ट हुई फिर रिपीट होगी। इस बात को अच्छे दिमाग से समझकर चलो तो कभी गुस्सा नहीं आयेगा।”
6. “जब सभी का लक्ष्य सम्पूर्ण और सम्पन्न बनने का है तो छोटी–छोटी बातों में घबराओ नहीं। मूर्ति बन रहे हो तो कुछ हेमर तो लगेंगे ही। जो जितना आगे होता है उसको तूफान भी सबसे ज्यादा क्रास करने होते हैं लेकिन वो तूफान उन्हों को तूफान नहीं लगता, तोहफा लगता है। यह तूफान भी अनुभवी बनने की गिफ्ट बन जाते हैं इसलिए विघ्नों को वेलकम करो और अनुभवी बनते आगे बढ़ते चलो।”