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Key Points From The Daily Murli – Hindi and English

Key Points From Daily Murli – 23rd December 2024

 1.     “मनुष्य ही पुकारते हैंहे पतितों को पावन बनाने वाले आओ। देवीदेवतायें ऐसे कभी नहीं कहेंगे। पतितपावन बाप पतितों के बुलावे पर आते हैं। आत्माओं को पावन बनाकर फिर नई पावन दुनिया भी स्थापन करते हैं। आत्मा ही बाप को पुकारती है। शरीर तो नहीं पुकारेगा। पारलौकिक बाप जो सदा पावन है, उसे ही सब याद करते हैं। यह है पुरानी दुनिया। बाप नई पावन दुनिया बनाते हैं।”

 

2.    “तुम बच्चे जानते होअभी हम उस बेहद के बाप के बने हैं। बाप बच्चों को गुप्त ज्ञान देते हैं। यह ज्ञान मनुष्यों के पास कहाँ मिल सके। आत्मा भी गुप्त है, गुप्त ज्ञान आत्मा धारण करती है। आत्मा ही मुख द्वारा ज्ञान सुनाती है। आत्मा ही गुप्त बाप को गुप्त याद करती है। बाप कहते हैं बच्चों, देहअभिमानी नहीं बनो। देहअभिमान से आत्मा की ताकत खत्म होती है। आत्मअभिमानी बनने से आत्मा में ताकत जमा होती है। बाप कहते हैं ड्रामा के राज़ को अच्छी रीति समझकर चलना है। इस अविनाशी ड्रामा के राज़ को जो ठीक रीति जानते हैं, वह सदा हर्षित रहते हैं।”

 

3.    “विचार किया जाता हैइतनी छोटीसी आत्मा कितना बड़ा पार्ट शरीर से बजाती है, फिर शरीर से आत्मा निकल जाती है तो शरीर का देखो क्या हाल हो जाता है। आत्मा ही पार्ट बजाती है। कितनी बड़ी विचार की बात है। सारी दुनिया के एक्टर्स (आत्मायें) अपनी एक्ट अनुसार ही पार्ट बजाते हैं। कुछ भी फर्क नहीं पड़ सकता। हूबहू सारी एक्ट फिर से रिपीट हो रही है। इसमें संशय कर नहीं सकते। हर एक की बुद्धि में फर्क पड़ सकता है क्योंकि आत्मा तो मनबुद्धि सहित है ना।”

 

4.    “अविनाशी ड्रामा के राज़ को यथार्थ समझ हर्षित रहना है। इस ड्रामा में हर एक एक्टर का पार्ट अपनाअपना है, जो हूबहू बजा रहे हैं।”

 

5.    “इस संसार को अलौकिक खेल और परिस्थतियों को अलौकिक खिलौने के समान समझकर चलो।”

 


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