Key Points From Daily Murli – 22nd November 2024
2. “बाबा खुद गैरन्टी करते हैं – श्रीमत पर चलने से कभी अकल्याण हो नहीं सकता।”
3. “बाप कहते हैं – बच्चे, गृहस्थ व्यवहार में भल रहो, कौन कहता है तुम कपड़े आदि बदली करो। भल कुछ भी पहनो। बहुतों से कनेक्शन में आना पड़ता है। रंगीन कपड़ों के लिए कोई मना नहीं करते हैं। कोई भी कपड़ा पहनो, इनसे कोई तैलुक नहीं। बाप कहते हैं देह सहित देह के सब सम्बन्ध छोड़ो। बाकी पहनो सब कुछ।”
4. “रावण पर जीत पाने से ही तुम पुण्य आत्मा बन जाते हो। तुम फील करते हो, माया कितने विघ्न डालती है। एकदम नाक में दम कर देती है। तुम समझते हो माया से युद्ध कैसे चलती है। उन्होंने फिर कौरवों और पाण्डवों की युद्ध, लश्कर आदि क्या–क्या बैठ दिखाये हैं। इस युद्ध का किसको भी पता नहीं। यह है गुप्त। इनको तुम ही जानते हो। माया से हम आत्माओं को युद्ध करनी है।”
5. “सतोप्रधान, सतो, रजो, तमो में आयेंगे। इसमें मूँझने की बात नहीं।”
6. “किसी भी परिस्थिति में फुलस्टाप तब लगा सकते हैं जब बिन्दु स्वरूप बाप और बिन्दू स्वरूप आत्मा दोनों की स्मृति हो। कन्ट्रोलिंग पावर हो। जो बच्चे किसी भी परिस्थिति में स्वयं को परिवर्तन कर फुलस्टॉप लगाने में स्वयं को पहले आफर करते हैं, वह दुआओं के पात्र बन जाते हैं। उन्हें स्वयं को स्वयं भी दुआयें अर्थात् खुशी मिलती है, बाप द्वारा और ब्राह्मण परिवार द्वारा भी दुआयें मिलती हैं।”
7. “जो संकल्प करते हो उसे बीच–बीच में दृढ़ता का ठप्पा लगाओ तो विजयी बन जायेंगे।”