Key Points From Daily Murli – 21st November 2024
“प्रश्नः–
बाबा किन बच्चों का कुछ भी स्वीकार नहीं करते हैं?
उत्तर:-
जिन्हें अहंकार है मैं इतना देता हूँ, मैं इतनी मदद कर सकता हूँ, बाबा उनका कुछ भी स्वीकार नहीं करते। बाबा कहते मेरे हाथ में चाबी है। चाहे तो मैं किसी को गरीब बनाऊं, चाहे किसको साहूकार बनाऊं। यह भी ड्रामा में राज़ है। जिन्हें आज अपनी साहूकारी का घमण्ड है वह कल गरीब बन जाते और गरीब बच्चे बाप के कार्य में अपनी पाई–पाई सफल कर साहूकार बन जाते हैं।”
1. “तुम पढ़ाने वाले टीचर जरूर बनते हो बाकी तुम कोई का गुरू नहीं बन सकते हो, सिर्फ टीचर बन सकते हो। गुरू तो एक सतगुरू ही है वह सिखलाते हैं। सर्व का सतगुरू एक ही है।”
2. “याद क्यों करना पड़ता है! क्योंकि हमारे ऊपर जो पाप चढ़े हुए हैं, वह इस याद से ही खत्म होंगे इसलिए गायन भी है एक सेकण्ड में जीवनमुक्ति। जीवनमुक्ति का मदार पढ़ाई पर है और मुक्ति का मदार याद पर है। जितना तुम बाप को याद करेंगे और पढ़ाई पर ध्यान देंगे तो ऊंच नम्बर में मर्तबा पायेंगे। धन्धा आदि तो भल करते रहो, बाप कोई मना नहीं करते। धन्धा आदि जो तुम करते हो – वह भी दिन–रात याद रहता है ना। तो अब बाप यह रूहानी धन्धा देते हैं – अपने को आत्मा समझ मुझे याद करो और 84 के चक्र को याद करो। मुझे याद करने से ही तुम सतोप्रधान बनेंगे।”
3. “तुम ही पूज्य देवी–देवता थे फिर तुम ही पुजारी बने हो। आपेही पूज्य, आपेही पुजारी। बाप कोई पुजारी नहीं बनते हैं परन्तु पुजारी दुनिया में तो आते हैं ना। बाप तो एवर पूज्य है। वह कभी पुजारी होते नहीं, उनका धन्धा है तुमको पुजारी से पूज्य बनाना। रावण का काम है तुमको पुजारी बनाना। यह दुनिया में किसको पता नहीं है। तुम भी भूल जाते हो। रोज़–रोज़ बाप समझाते रहते हैं।”
4. “तुम विश्व के मालिक बनते हो। अभी युद्ध के मैदान में हो, तुम और कुछ भी नहीं करते हो सिवाए बाप को याद करने के। बाप ने फरमान किया है मुझे याद करो तो इतनी शक्ति मिलेगी। यह तुम्हारा धर्म बहुत सुख देने वाला है। बाप है सर्वशक्तिमान्। तुम उनके बनते हो, सारा मदार याद की यात्रा पर है। यहाँ तुम सुनते हो फिर उस पर मंथन चलता है। जैसे गाय खाना खाकर फिर उगारती है, मुख चलता ही रहता है। तुम बच्चों को भी कहते हैं ज्ञान की बातों पर खूब विचार करो।”
5. “योगबल से सब पापों को भस्म करना है, इसमें ही बड़ी मेहनत करनी है। घड़ी–घड़ी बाप को भूल जाते हैं क्योंकि यह बड़ी महीन चीज़ है।”
6. “कोई भी दृढ़ संकल्प रूपी व्रत वृत्ति को बदल देता है।”
7. “व्यर्थ से बचना है तो मुख पर दृढ़ संकल्प का बटन लगा दो।”