Key Points From Daily Murli – 14th November 2024
ईश्वरीय गवर्मेन्ट का गुप्त कर्तव्य कौन–सा है, जिसे दुनिया नहीं जानती?
उत्तर:-
ईश्वरीय गवर्मेन्ट आत्माओं को पावन बनाकर देवता बनाती है – यह है बहुत गुप्त कर्तव्य, जिसे मनुष्य नहीं समझ सकते। जब मनुष्य देवता बनें तब तो नर्कवासी से स्वर्गवासी बन सकें। मनुष्य का सारा कैरेक्टर विकारों ने बिगाड़ा है। अभी तुम सबको श्रेष्ठ कैरेक्टर वाला बनाने की सेवा करते हो, यही तुम्हारा मुख्य कर्तव्य है।”
1. “बाप कहते हैं इस काम विकार को जीतो तो जगतजीत नई दुनिया के मालिक बनेंगे।”
2. “अभी तुम बच्चे समझते हो दुनिया में कोई काम की चीज़ नहीं। सभी मनुष्य मात्र को आग लगनी है। जो कुछ इन आंखों से देखते हैं, सबको आग लग जायेगी। आत्मा को तो आग लगती नहीं। आत्मा तो जैसे इनश्योर है। आत्मा को कभी इनश्योर कराते हैं क्या? इनश्योर तो शरीर को कराते हैं। बच्चों को समझाया गया है, यह खेल है। आत्मा तो ऊपर में 5 तत्वों से भी ऊपर रहती है। 5 तत्वों से ही सारी दुनिया की सामग्री बनती है। आत्मा तो नहीं बनती, आत्मा तो सदैव है ही। सिर्फ पुण्य आत्मा, पाप आत्मा बनती है। 5 विकारों से आत्मा कितनी गन्दी बन पड़ती है। अभी बाप आये हैं पापों से छुड़ाने।”
3. “अभी तुम समझते हो हम ईश्वरीय गवर्मेन्ट के हैं। बाप आये हैं रामराज्य स्थापन करने। इस समय ईश्वरीय गवर्मेन्ट क्या करती है? आत्माओं को पावन बनाकर देवता बनाती है। नहीं तो फिर देवता कहाँ से आये – यह कोई नहीं जानते इसलिए इसको गुप्त गवर्मेन्ट कहा जाता है।”
4. “यह पढ़ाई है ही पतित से पावन बनने की। आत्मा ही पतित बनती है। पतित से पावन बनाना – यह धन्धा बाप ने तुम्हें सिखलाया है। पावन बनो तो पावन दुनिया में चलेंगे। आत्मा ही पावन बने तब तो स्वर्ग के लायक बने। यह ज्ञान तुम्हें इस संगम पर ही मिलता है। पवित्र बनने का हथियार मिलता है। पतित–पावन एक बाबा को ही कहा जाता है।”
5. “अभी जो पारसबुद्धि बने हैं उन्हों का काम है औरों को भी पारसबुद्धि बनाना।”
6. “जो झूठ बोलते, झूठा काम करते, वही थर्ड ग्रेड बनते हैं। फर्स्ट, सेकण्ड, थर्ड ग्रेड होती हैं ना। बाप बता सकते हैं – यह थर्ड ग्रेड हैं।”
7. “अच्छे–अच्छे महारथियों को भी माया किसी न किसी प्रकार से धोखा दे देती है फिर वह दिल पर चढ़ नहीं सकते हैं। कोई तो बच्चे ऐसे होते हैं जो बाप को भी खत्म करने में देरी नहीं करते। परिवार को भी खत्म कर देते हैं। महान् पाप आत्मायें हैं। रावण क्या–क्या करा देता है। बहुत ऩफरत आती है। कितनी डर्टी दुनिया है, इससे कभी दिल नहीं लगानी है। पवित्र बनने की बड़ी हिम्मत चाहिए। विश्व के बादशाही की प्राइज़ लेने के लिए पवित्रता है मुख्य।”
8. “माया के धोखे से बचने के लिए किसी भी प्रकार की इच्छा नहीं रखनी है। इच्छा मात्रम् अविद्या बनना है।”