Key Points From Daily Murli – 14th December 2024
2. “आजकल मनुष्य तो देखो 10-12 बच्चे पैदा करते रहते हैं। कोई कायदा ही नहीं रहा है। सतयुग में जब बच्चा पैदा होता है तो पहले से ही साक्षात्कार होता है। शरीर छोड़ने के पहले भी साक्षात्कार होता है कि हम यह शरीर छोड़ जाकर बच्चा बनूँगा। और एक बच्चा ही होता है, जास्ती नहीं। लॉ मुज़ीब चलता है।”
3. “सतयुग में माया रावण होता नहीं। वहाँ थोड़ेही रावण का बुत बनाकर जलायेंगे। बुत (चित्र) कैसे–कैसे बनाते हैं। ऐसा कोई दैत्य वा असुर होता नहीं। यह भी नहीं समझते 5 विकार स्त्री के हैं और 5 विकार पुरूष के हैं। उनको मिलाकर 10 शीश वाला रावण बना देते हैं। जैसे विष्णु को भी 4 भुजायें देते हैं। मनुष्य तो यह कॉमन बात भी समझते नहीं हैं। बड़ा रावण बनाकर जलाते हैं।”
4. “जब बहुत तमोप्रधान बन जाते हैं तब ही बाबा का प्रोग्राम है आने का। ऐसे नहीं, ईश्वर जो चाहे कर सकते हैं या जब चाहे तब आ सकते हैं। अगर ऐसी शक्ति होती तो फिर इतनी गाली क्यों मिले? वनवास क्यों मिलें? यह बातें बड़ी गुप्त हैं।”
5. “हम बाप से प्यार से बातें करेंगे तो क्यों नहीं सुनेंगे। कनेक्शन है ना। रात को उठकर बाबा से बातें करनी चाहिए। बाबा अपना अनुभव बतलाते रहते हैं। मैं बहुत याद करता हूँ। बाबा की याद में आंसू भी आ जाते हैं। हम क्या थे, बाबा ने क्या बना दिया है – तत्त्वम्। तुम भी वह बनते हो। योग में रहने वालों को बाबा मदद भी देते हैं। आपेही आंख खुल जायेगी। खटिया हिल जाएगी। बाबा बहुतों को उठाते हैं। बेहद का बाप कितना रहम करते हैं।”
6. “रात को याद करने से बहुत मज़ा आयेगा। बाबा अपना अनुभव बतलाते हैं। मैं कैसी बातें करता हूँ, अमृतवेले।”
7. “अमृतवेले उठ बाप से बहुत मीठी–मीठी बातें करना है, बाप का शुक्रिया मानना है। बाप की मदद का अनुभव करने के लिए मोस्ट बील्वेड बाप को बड़े प्यार से याद करना है।”
8. “आपके मन में कभी व्हाई, आई (क्यों, मैं) नहीं आ सकता। व्हाई के बजाए वाह–वाह और आई के बजाए बाबा–बाबा शब्द ही आता है।”