Key Points From Daily Murli – 13th February 2025
2. “विकार का तूफान बहुत जोर से आता है। बाप तो कहते हैं बाप का बनने से यह सब बीमारियाँ उथल खायेंगी, तूफान जोर से आयेंगे। पूरी बॉक्सिंग है। अच्छे–अच्छे पहलवानों को भी हरा लेते हैं। कहते हैं – न चाहते भी कुदृष्टि हो जाती है, रजिस्टर खराब हो जायेगा। कुदृष्टि वाले से बात नहीं करनी चाहिए। बाबा सभी सेन्टर्स के बच्चों को समझा रहे हैं कि कुदृष्टि वाले बहुत ढेर हैं, नाम लेने से और ही ट्रेटर बन जायेंगे। अपनी सत्यानाश करने वाले उल्टे काम करने लग पड़ते हैं। काम विकार नाक से पकड़ लेता है। माया छोड़ती नहीं है, कुकर्म, कुदृष्टि, कुवचन निकल पड़ते हैं, कुचलन हो पड़ती है इसलिए बहुत–बहुत सावधान रहना है।”
3. “तुम देवी–देवता पारसबुद्धि थे, विश्व पर राज्य करते थे। अभी स्मृति आई है, हम स्वर्ग के मालिक थे फिर नर्क के मालिक बने हैं। अब फिर पारसबुद्धि बनते हैं। यह ज्ञान तुम बच्चों की बुद्धि में है जो फिर औरों को समझाना है। ड्रामा अनुसार पार्ट चलता रहता है, जो टाइम पास होता है सो एक्यूरेट फिर भी पुरूषार्थ तो करायेंगे ना। जिन बच्चों को नशा है कि स्वयं भगवान हमको हेविन का मालिक बनाने के लिए पुरूषार्थ कराते हैं उनकी शक्ल बड़ी फर्स्टक्लास खुशनुम: रहती है।”
4. “बाप और वर्से को याद करने से खुशनुम: हो जाते हैं। हर एक की सर्विस से समझा जाता है। बाप को बच्चों की खुशबू तो आती है ना। सपूत बच्चों से खुशबू आती है, कपूत से बदबू आती है। बगीचे में खुशबूदार फूल को ही उठाने के लिए दिल होगी। अक को कौन उठायेंगे! बाप को यथार्थ रीति याद करने से ही विकर्म विनाश होंगे।”
5. “आप बच्चे जो चैलेन्ज करते हो उस चैलेन्ज और प्रैक्टिकल जीवन में समानता हो, नहीं तो पुण्य आत्मा के बजाए बोझ वाली आत्मा बन जायेंगे। इस पाप और पुण्य की गति को जानकर स्वयं को सेफ रखो क्योंकि संकल्प में भी किसी भी विकार की कमजोरी, व्यर्थ बोल, व्यर्थ भावना, घृणा वा ईर्ष्या की भावना पाप के खाते को बढ़ाती है इसलिए पुण्य आत्मा भव के वरदान द्वारा स्वयं को सेफ रख विश्व सेवाधारी बनो। संगठित रूप में एकमत, एकरस स्थिति का अनुभव कराओ।”
6. “पवित्रता की शमा चारों ओर जलाओ तो बाप को सहज देख सकेंगे।”