“प्रश्नः– बाप के संग से तुम्हें क्या–क्या प्राप्तियां होती हैं? उत्तर:- बाप के संग से हम मुक्ति, जीवन–मुक्ति के अधिकारी बन जाते हैं। बाप का संग तार देता है (पार ले जाता है)। बाबा हमें अपना बनाकर आस्तिक और त्रिकालदर्शी Read more…
“मीठे बच्चे – तुम्हें अपने योगबल से सारी सृष्टि को पावन बनाना है, तुम योगबल से ही माया पर जीत पाकर जगतजीत बन सकते हो“ 1. “तुम फिर योगबल से इस सृष्टि को पावन बना रहे हो। माया पर Read more…
“प्रश्नः– बाप की पढ़ाई में तुम्हें कौन–सी विद्या नहीं सिखाई जाती है? उत्तर:- भूत विद्या। किसी के संकल्पों को रीड करना, यह भूत विद्या है, तुम्हें यह विद्या नहीं सिखाई जाती। बाप कोई थॉट रीडर नहीं है। वह जानी जाननहार Read more…
“प्रश्नः– अच्छे–अच्छे पुरूषार्थी बच्चों की निशानी क्या होगी? उत्तर:- जो अच्छे पुरूषार्थी हैं वह सवेरे–सवेरे उठकर देही–अभिमानी रहने की प्रैक्टिस करेंगे। वह एक बाप को याद करने का पुरूषार्थ करेंगे। उन्हें लक्ष्य रहता कि और कोई देहधारी याद न आये, Read more…
“प्रश्नः– बाप के वर्से का अधिकार किस पुरूषार्थ से प्राप्त होता है? उत्तर:- सदा भाई–भाई की दृष्टि रहे। स्त्री–पुरुष का जो भान है वह निकल जाए, तब बाप के वर्से का पूरा अधिकार प्राप्त हो। परन्तु स्त्री–पुरूष का भान वा Read more…
1. “ड्रामा में चेन्ज हो नहीं सकती। जो कुछ ड्रामा में नूँध हैं, वह हूबहू होना ही है। ऐसे नहीं, होकर फिर बदल जाना है।” 2. “यह भी गायन है जैसा अन्न वैसा मन।” 3. “तुम्हारी बुद्धि अब Read more…
1. “हर एक बच्चे के तीन राज तख्त देख रहे हैं। यह तीन तख्त सारे कल्प में इस संगम पर ही आप बच्चों को प्राप्त होते हैं। दिखाई दे रहे हैं तीन तख्त? एक तो यह भ्रकुटी रूपी तख्त, जिस Read more…
“प्रश्नः– तुम बच्चों का सहज पुरूषार्थ क्या है? उत्तर:- बाप कहते हैं तुम बिल्कुल चुप रहो, चुप रहने से ही बाप का वर्सा ले लेंगे। बाप को याद करना है, सृष्टि चक्र को फिराना है। बाप की याद से तुम्हारे Read more…
“प्रश्नः– अभी तुम बच्चों का मुख्य पुरूषार्थ क्या है? उत्तर:- तुम सजाओं से छूटने का ही पुरूषार्थ करते रहते हो। उसके लिए मुख्य है याद की यात्रा, जिससे ही विकर्म विनाश होते हैं। तुम प्यार से याद करो तो बहुत Read more…
“प्रश्नः– जो बाप की याद में रहते हैं, उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- याद में रहने वालों में अच्छे गुण होंगे। वह पवित्र होते जायेंगे। रॉयल्टी आती जायेगी। आपस में मीठा क्षीरखण्ड होकर रहेंगे, दूसरों को न देख स्वयं को Read more…