01/02/2025 “मीठे बच्चे – तुम आत्माओं का स्वधर्म शान्ति है, तुम्हारा देश शान्तिधाम है, तुम आत्मा शान्त स्वरूप हो इसलिए तुम शान्ति मांग नहीं सकते” प्रश्नः– तुम्हारा योगबल कौन–सी कमाल करता है? उत्तर:- योगबल से तुम सारी दुनिया को पवित्र Read more…
1. “ओम् का अर्थ ही है अहम्, मैं आत्मा। मनुष्य फिर समझते ओम् माना भगवान, परन्तु ऐसे है नहीं। ओम् माना मैं आत्मा, मेरा यह शरीर है। कहते हैं ना – ओम् शान्ति। अहम् आत्मा का स्वधर्म है शान्त। आत्मा Read more…
“मीठे बच्चे – सत का संग ज्ञान मार्ग में ही होता है, अभी तुम सत बाप के संग में बैठे हो, बाप की याद में रहना माना सतसंग करना“ “प्रश्नः– सतसंग की आवश्यकता तुम बच्चों को अभी ही है Read more…
“प्रश्नः– ड्रामा का कौन–सा राज़ अति सूक्ष्म समझने का है? उत्तर:- यह ड्रामा जूँ मिसल चलता रहता है, टिक–टिक होती रहती है। जिसकी जो एक्ट चली वह फिर हूबहू 5 हज़ार वर्ष के बाद रिपीट होगी, यह राज़ बहुत सूक्ष्म Read more…
“प्रश्नः– जिन बच्चों को स्वर्ग का मालिक बनने की खुशी है उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- उनके अन्दर किसी भी प्रकार का दु:ख नहीं आ सकता। उन्हें नशा रहेगा कि हम तो बहुत बड़े आदमी हैं, हमें बेहद का बाप Read more…
“प्रश्नः– धन्धा आदि करते भी कौन–सा डायरेक्शन बुद्धि में याद रहना चाहिए? उत्तर:- बाप का डायरेक्शन है तुम किसी साकार वा आकार को याद नहीं करो, एक बाप की याद रहे तो विकर्म विनाश हों। इसमें कोई ये नहीं कह Read more…
1. “देह–अभिमान सभी विकारों का बीज है।” 2. “सर्व समर्पित होने में यह देह भान का मैं–पन ही रूकावट डालता है। कॉमन मैं–पन, मैं देह हूँ, वा देह के सम्बन्ध का मैं–पन, देह के पदार्थों का समर्पण यह तो Read more…
“प्रश्नः– तुम बच्चों को कौन–सा निश्चय बाप द्वारा ही हुआ है? उत्तर:- बाप तुम्हें निश्चय कराते कि मैं तुम्हारा बाप भी हूँ, टीचर भी हूँ, सतगुरू भी हूँ, तुम पुरूषार्थ करो इस स्मृति में रहने का। परन्तु माया तुम्हें यही Read more…
“मीठे बच्चे – पास विद् ऑनर होना है तो बुद्धियोग थोड़ा भी कहीं न भटके, एक बाप की याद रहे, देह को याद करने वाले ऊंच पद नहीं पा सकते“ गीत:- तू प्यार का सागर है………… 1. “ओम् Read more…
1. “बाप बैठ आत्माओं को समझाते हैं, आत्मा ही सुनकर कांध हिलाती है। हम आत्मा हैं, बाबा हमको पढ़ाते हैं, यह पक्का करना है। बाप हमें पतित से पावन बनाते हैं। आत्मा में ही अच्छे वा बुरे संस्कार होते हैं Read more…