1. “माया का कितना बड़ा तूफान है। बहुतों को माया हराने की कोशिश करती है, आगे चल तुम बहुत देखेंगे, सुनेंगे।” 2. “हिस्ट्री चैतन्य की होती है, जॉग्राफी तो जड़ वस्तु की है। तुम्हारी आत्मा जानती है हम कहाँ Read more…
1. “बाप ने समझाया है कि ध्यान और योग बिल्कुल अलग है। योग अर्थात् याद। आंखें खुली होते भी तुम याद कर सकते हो। ध्यान को कोई योग नहीं कहा जाता। भोग भी ले जाते हैं तो डायरेक्शन अनुसार ही Read more…
1. “जहाँ हर संकल्प में, हर कार्य में निश्चय है वहाँ विजय हुई पड़ी है। सफलता जन्म सिद्ध अधिकार के रूप में स्वत: और सहज प्राप्त है। जन्म सिद्ध अधिकार के लिए मेहनत की आवश्यकता नहीं होती। सफलता ब्राह्मण जीवन Read more…
“प्रश्नः– ज्ञानवान बच्चे किस चिन्तन में सदा रहते हैं? उत्तर:- मैं अविनाशी आत्मा हूँ, यह शरीर विनाशी है। मैंने 84 शरीर धारण किये हैं। अब यह अन्तिम जन्म है। आत्मा कभी छोटी–बड़ी नहीं होती है। शरीर ही छोटा बड़ा होता Read more…
“प्रश्नः– इस पढ़ाई में कई बच्चे चलते–चलते फेल क्यों हो जाते हैं? उत्तर:- क्योंकि इस पढ़ाई में माया के साथ बॉक्सिंग है। माया की बॉक्सिंग में बुद्धि को बहुत कड़ी चोट लग जाती है। चोट लगने का कारण बाप से Read more…
1. “अच्छे–अच्छे बच्चे भी ब्राह्मण से फिर शूद्र बन जाते हैं। इसको कहा जाता है माया से हार खाना। बाबा की गोद से हारकर रावण की गोद में चले जाते हैं। कहाँ बाप की श्रेष्ठ बनने की गोद, कहाँ भ्रष्ट Read more…
1. “ज्ञान के लिए शुद्ध बर्तन चाहिए। उल्टे–सुल्टे संकल्प भी बन्द हो जाने चाहिए। बाप के साथ योग लगाते–लगाते बर्तन सोना बने तब यह ज्ञान रत्न ठहर सकें।” 2. “पहले नई दुनिया में हद है। बहुत थोड़े मनुष्य होते Read more…
1. “एक है रूहानी बाप की श्रीमत, दूसरी है रावण की आसुरी मत।“ 2. “आसुरी मत जबसे मिलती है, तुम नीचे गिरते ही आते हो।” 3. “श्रीमत तुम बच्चों को मिलती है फिर से श्रेष्ठ बनने के लिए। Read more…
1. “मीठे बच्चे – अपनी खामियां निकालनी हैं तो सच्चे दिल से बाप को सुनाओ, बाबा तुम्हें कमियों को निकालने की युक्ति बतायेंगे।” 2. “अपने अन्दर में देखो कोई खामी तो नहीं है? क्योंकि तुम सबको परफेक्ट बनना है। Read more…
1. “ब्राह्मण जीवन की पर्सनाल्टी प्युरिटी है और प्युरिटी ही रूहानी रॉयल्टी है। तो आदि अनादि, आदि मध्य और अन्त सारे कल्प में यह रूहानी रॉयल्टी चलती रही है।” 2. “प्युरिटी की वृत्ति है – शुभ भावना, शुभ कामना। Read more…