Waah Drama Waah! Waah Baba Waah!

Key Points From Daily Sakar Vaani and Avyakt Vaani – In Hindi and English

Key Points From Daily Murli – 25th December 2024

 1.   “बाप सारे झाड़ की नॉलेज सुनाते हैं। तुम्हें फिर से स्मृति दिलाते हैं। तुम सो देवता थे फिर वैश्य, शूद्र बने। अभी तुम ब्राह्मण बने हो। यह अक्षर कभी कोई संन्यासी उदासी, विद्वान द्वारा सुने हैं? यह हम सो का अर्थ बाप कितना सहज करके सुनाते हैं। हम सो माना मैं आत्मा, हम आत्मा ऐसेऐसे चक्र लगाते हैं। वह तो कह देते हम आत्मा सो परमात्मा, परमात्मा सो हम आत्मा। एक भी नहीं जिसको हम सो के अर्थ का पता हो। बाप कहते हैं यह जो हम सो का मंत्र है, सदा बुद्धि में याद रहना चाहिए। नहीं तो चक्रवर्ती राजा कैसे बनेंगे।

 

2.   “एक बाप बीजरूप को ही ज्ञान का सागर कहा जाता है। वह इस सृष्टि चक्र में नहीं आते हैं। ऐसे नहीं कि हम आत्मा सो परमात्मा बन जाते हैं। नहीं, बाप आपसमान नॉलेजफुल बनाते हैं। आप समान गॉड नहीं बनाते, इन बातों को अच्छी रीति समझना चाहिए तब ही बुद्धि में चक्र चल सकता है। तुम बुद्धि से समझ सकते हो कि हम कैसे 84 के चक्र में आते हैं। इसमें समय, वर्ण, वंशावली सब जाते हैं। इस नॉलेज से ही ऊंच ते ऊंच बनते हैं।

 

3.    “कदमकदम पर सावधानी रखनी होती है। मन्सावाचाकर्मणा बहुत शुद्ध रहना है। अन्दर कोई भी गन्दगी नहीं होनी चाहिए। बाप को घड़ीघड़ी बच्चे भूल जाते हैं। बाप को भूलने से बाप की शिक्षा भी भूल जाते हैं। हम स्टूडेन्ट हैं, यह भी भूल जाते हैं। है बहुत सहज। बाप की याद में ही करामात है। ऐसी करामात और कोई भी बाप सिखला सके। इस करामात से ही तमोप्रधान से सतोप्रधान बनते हैं।”

 

4.    “सबसे बड़े ज्ञानी वह हैं जो आत्मअभिमानी रहते हैं।”


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