Waah Drama Waah! Waah Baba Waah!

Key Points From The Daily Murli – Hindi and English

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Month: May 2025

13th May 2025

1. “प्रश्नः- जो दैवीकुल की आत्मायें हैं, उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- दैवी कुल वाली आत्माओं को इस पुरानी दुनिया से सहज ही वैराग्य होगा। 2- उनकी बुद्धि बेहद में होगी। शिवा-लय में चलने के लिए वह पावन फूल बनने Read more…


12th May 2025

1. “धंधा आदि करते स्टडी तो याद आनी चाहिए ना। कैसे हम विश्व के मालिक थे फिर हम नीचे उतरते आये, बहुत सहज है परन्तु यह याद भी कोई को रहती नहीं है। आत्मा पवित्र न होने कारण याद खिसक Read more…


11th May 2025

1. “बापदादा को आज के दिन सच्चे भगत भी बहुत याद आ रहे हैं। वह व्रत रखते हैं एक दिन का और आपने व्रत रखा है सारे जीवन में सम्पूर्ण पवित्र बनने का। वह खाने का व्रत रखते हैं, आपने Read more…


10th May 2025

1. ““मीठे बच्चे – ज्ञान की प्वाइंट्स को स्मृति में रखो तो खुशी रहेगी, तुम अभी स्वर्ग के गेट पर खड़े हो, बाबा मुक्ति-जीवनमुक्ति की राह दिखा रहे हैं” “Sweet children, keep points of this knowledge in your awareness and Read more…


9th May 2025

1. “प्रश्नः- मनुष्य भगवान से क्षमा क्यों मांगते हैं? क्या उन्हें क्षमा मिलती है? उत्तर:- मनुष्य समझते हैं हमने जो पाप कर्म किये हैं उसकी सज़ा भगवान धर्मराज से दिलायेंगे, इसलिए क्षमा मांगते हैं। लेकिन उन्हें अपने कर्मों की सज़ा Read more…


8th May 2025

1. “याद में शक्ति रहती है, ज्ञान में शक्ति नहीं है। इसको कहा ही जाता है – याद का बल।” “There is power in remembrance; there is no power in this knowledge. This is called the power of yoga.” 2. Read more…


7th May 2025

1. “मीठे बच्चे – निश्चय ज्ञान योग से बैठता, साक्षात्कार से नहीं। साक्षात्कार की ड्रामा में नूँध है, बाकी उससे किसी का कल्याण नहीं होता” “Sweet children, your faith develops with this knowledge and yoga, not by having visions. Visions Read more…


6th May 2025

1. “बाप कहते हैं – मैं साधारण तन में प्रवेश करता हूँ, जो अपने जन्मों को नहीं जानते। परन्तु मैं कब आता हूँ, कैसे आता हूँ, यह किसको पता नहीं है। अभी तुम देखते हो साधारण तन में बाप आये Read more…


5th May 2025

1. “बच्चे जानते हैं – हमारी पढ़ाई पूरी होगी तो विनाश होगा। विनाश होना जरूरी है। तुम्हारे में भी कोई जानते हैं, अगर यह समझें दुनिया विनाश होनी है तो नई दुनिया के लिए तैयारी में लग जाएं। बैग-बैगेज तैयार Read more…


4th May 2025

1. “इतने बड़े भाग्य की प्राप्ति के लिए पुरुषार्थ कितना सहज हुआ। सिर्फ दिल से जाना, माना और अपना बनाया “मेरा बाबा”। दिल से पहचाना, मैं बाबा का, बाबा मेरा। मेरा मानना और अधिकारी बन जाना। अधिकार भी कितना बड़ा Read more…


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