“प्रश्नः– कहा जाता है, आत्मा अपना ही शत्रु, अपना ही मित्र है, सच्ची मित्रता क्या है? उत्तर:- एक बाप की श्रीमत पर सदा चलते रहना – यही सच्ची मित्रता है। सच्ची मित्रता है एक बाप को याद कर पावन बनना Read more…
1. “बच्चों को ज्ञान और भक्ति का राज़ तो समझाया है, ज्ञान माना दिन – सतयुग–त्रेता, भक्ति माना रात – द्वापर–कलियुग।“ 2. ” बहुत कहते हैं शिवबाबा आप तो अन्तर्यामी हो। बाबा कहते हैं मैं हूँ नहीं, मैं किसके Read more…