1. “प्रश्नः- किस सहज पुरूषार्थ से तुम बच्चों की दिल सब बातों से हटती जायेगी? उत्तर:- सिर्फ रूहानी धन्धे में लग जाओ, जितना-जितना रूहानी सर्विस करते रहेंगे उतना और सब बातों से स्वत: दिल हटती जायेगी। राजाई लेने के पुरूषार्थ Read more…
1. “भक्ति मार्ग में दान-पुण्य तो करते हैं ना। कोई ने धर्मशाला बनाई, कोई ने हॉस्पिटल बनाई, बुद्धि में समझते हैं इनका फल दूसरे जन्म में मिलेगा। बिगर कोई आश, अनासक्त हो कोई करे – ऐसा होता नहीं है। बहुत Read more…
1. “ऐसे समझ से याद करना है। पहले तो मैं आत्मा हूँ – यह पक्का करो फिर बाप का परिचय बुद्धि में अच्छी रीति धारण करो। अन्तर्मुखी बच्चे ही अच्छी रीति समझ सकते हैं कि हम आत्मा बिन्दी हैं। हमारी Read more…
“प्रश्नः- कौन-सा मुख्य एक पुरुषार्थ स्कॉलरशिप लेने का अधिकारी बना देता है? उत्तर:- अन्तर्मुखता का। तुम्हें बहुत अन्तर्मुखी रहना है। बाप तो है कल्याणकारी। कल्याण के लिए ही राय देते हैं। जो अन्तर्मुखी योगी बच्चे हैं वह कभी देह-अभिमान में Read more…
“प्रश्नः- कौन-सा पाठ बाप ही पढ़ाते हैं, कोई मनुष्य नहीं पढ़ा सकते? उत्तर:- देही-अभिमानी बनने का पाठ एक बाप ही पढ़ाते हैं, यह पाठ कोई देहधारी नहीं पढ़ा सकता। पहले-पहले तुमको आत्मा का ज्ञान मिलता है। तुम जानते हो हम Read more…
1. “मीठे बच्चे – सबसे अच्छा दैवीगुण है शान्त रहना, अधिक आवाज़ में न आना, मीठा बोलना, तुम बच्चे अभी टॉकी से मूवी, मूवी से साइलेन्स में जाते हो, इसलिए अधिक आवाज़ में न आओ” 2. “दैवी-गुण होते ही हैं Read more…
1. “रूहानी फ़खुर में रहते हो इसलिए बेफिक्र बादशाह हो। सवेरे उठते हैं तो भी बेफिक्र, चलते फिरते, कर्म करते भी बेफिक्र और सोते हो तो भी बेफिक्र नींद में सोते हो। ऐसे अनुभव करते हो ना!” 2. “बेफिक्र Read more…
1. “अब गीता का भगवान राजयोग सिखलाते थे तो जरूर इससे सिद्ध होता है नर से नारायण बनाते थे। तुम बच्चे जानते हो भगवान हमको पढ़ाते हैं। बरोबर नर से नारायण बनाते हैं।“ 2. “मनुष्य तो एक भी नहीं Read more…
1. “मीठे बच्चे – अभी तुम पुरुषोत्तम बनने का पुरुषार्थ करते हो, पुरुषोत्तम हैं देवतायें, क्योंकि वह हैं पावन, तुम पावन बन रहे हो“ 2. “जैसे बाप ने सुनाया था एक बच्ची किचड़े के डिब्बे में पड़ी थी, वह Read more…
1. “मीठे बच्चे – तुम्हारा यह नया झाड़ बहुत मीठा है, इस मीठे झाड़ को ही कीड़े लगते हैं, कीड़ों को समाप्त करने की दवाई है मनमनाभव“ 2. “चित्र तो तुमने बहुत बनाये हैं। बाबा पूछते हैं इन सब Read more…