1. “प्रश्नः- सबसे बड़ा आसुरी स्वभाव कौन-सा है, जो तुम बच्चों में नहीं होना चाहिए? उत्तर:- अशान्ति फैलाना, यह है सबसे बड़ा आसुरी स्वभाव। अशान्ति फैलाने वाले से मनुष्य तंग हो जाते हैं। वह जहाँ जायेंगे वहाँ अशान्ति फैला देंगे Read more…
1. “स्नेह की अनुभूति अनेक परमात्म खजाने के मालिक बनाने वाली है और सर्व परमात्म खजानों की गोल्डन चाबी बाप ने सर्व बच्चों को दी है। जानते हो ना! वह गोल्डन चाबी क्या है? वह गोल्डन चाबी है – “मेरा Read more…
1. “बाप में ताकत है, बच्चों को रावण पर जीत पाने की युक्ति बतलाते हैं इसलिए उनको कहा भी जाता है सर्वशक्तिमान्। तुम भी शक्ति सेना हो ना। तुम अपने को भी ऑलमाइटी कहेंगे। बाप में जो माइट है वह Read more…
“प्रश्नः- माया का श्राप क्यों लगता है? श्रापित आत्मा की गति क्या होगी? उत्तर:- 1. बाप और पढ़ाई का (ज्ञान रत्नों का) निरादर करने से, अपनी मत पर चलने से माया का श्राप लग जाता है, 2. आसुरी चलन है, Read more…
1. “आत्मा और शरीर दो चीज़ें हैं। आत्मा एक स्टॉर है और बहुत सूक्ष्म है। उनको कोई देख नहीं सकते। तो यहाँ जब आकर बैठते हैं तो देही-अभिमानी होकर बैठना है। यह भी एक हॉस्पिटल है ना – आधाकल्प के Read more…
Title: When we start saying “Wah Baba Wah!”, we stop saying “Why Baba Why ?” Speaker: Dadi Janki Class Date: 16th November 2010 Short Video Clip with English Translation: Link to the original full video: https://youtu.be/PP5F6BFGuvw
1. “प्रश्नः- अपना कल्याण करने के लिए किन दो बातों का पोतामेल रोज़ देखना चाहिए? उत्तर:- “योग और चलन” का पोतामेल रोज़ देखो। चेक करो कोई डिस-सर्विस तो नहीं की? सदैव अपनी दिल से पूछो हम कितना बाप को याद Read more…
1. “इस याद करने में ही माया के विघ्न पड़ते हैं।” “It is only in this remembrance that the obstacles of Maya come.” 2. “मूलवतन है मनमनाभव, अमरपुरी है मध्याजी भव। हर एक बात में दो अक्षर ही आते हैं।” Read more…
1. “यह बच्चों को अपनी पहचान मिलती है। बाप भी ऐसे कहते हैं, हम सभी आत्मायें हैं, सब मनुष्य ही हैं। बड़ा हो या छोटा हो, प्रेजीडेन्ट, राजा रानी सब मनुष्य हैं। अब बाप कहते हैं सभी आत्मायें हैं, मैं Read more…
1. “पहले यह चेक करो कि निमित्त भाव है? कोई भी रॉयल रूप का मैं पन तो नहीं है? मेरापन तो नहीं है? साधारण लोगों का मैं और मेरा भी साधारण है, मोटा है लेकिन ब्राह्मण जीवन का मेरा और Read more…