“प्रश्नः– सजाओं से छूटने के लिए कौन–सा पुरूषार्थ बहुत समय का चाहिए? उत्तर:- नष्टोमोहा बनने का। किसी में भी ममत्व न हो। अपने दिल से पूछना है – हमारा किसी में मोह तो नहीं है? कोई भी पुराना सम्बन्ध अन्त Read more…
“प्रश्नः– इस युद्ध के मैदान में माया सबसे पहला वार किस बात पर करती है? उत्तर:- निश्चय पर। चलते–चलते निश्चय तोड़ देती है इसलिए हार खा लेते हैं। यदि पक्का निश्चय रहे कि बाप जो सबका दु:ख हरकर सुख देने Read more…
“प्रश्नः– जो सतोप्रधान पुरूषार्थी हैं उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- वह औरों को भी आप समान बनायेंगे। वह बहुतों का कल्याण करते रहेंगे। ज्ञान धन से झोली भरकर दान करेंगे। 21 जन्मों के लिए वर्सा लेंगे और दूसरों को भी Read more…
1. “तो इमर्ज करो कितने खजाने बापदादा ने दिये हैं। सबसे पहला खजाना है।” 2. “ज्ञान धन अर्थात् समझदार बन, त्रिकालदर्शी बन कर्म करना। नॉलेजफुल बनना। फुल नॉलेज और तीनों कालों की नॉलेज को समझ ज्ञान धन को कार्य Read more…
“प्रश्नः– देही–अभिमानी बनने की मेहनत कौन कर सकते हैं? देही–अभिमानी की निशानियाँ सुनाओ? उत्तर:- जिनका पढ़ाई से और बाप से अटूट प्यार है वह देही–अभिमानी बनने की मेहनत कर सकते हैं। वह शीतल होंगे, किसी से भी अधिक बात नहीं Read more…
“प्रश्नः– देही–अभिमानी बनने की मेहनत कौन कर सकते हैं? देही–अभिमानी की निशानियाँ सुनाओ? उत्तर:- जिनका पढ़ाई से और बाप से अटूट प्यार है वह देही–अभिमानी बनने की मेहनत कर सकते हैं। वह शीतल होंगे, किसी से भी अधिक बात नहीं Read more…
“मीठे बच्चे – जैसे तुम आत्माओं को यह शरीर रूपी सिंहासन मिला है, ऐसे बाप भी इस दादा के सिंहासन पर विराजमान हैं, उन्हें अपना सिंहासन नहीं“ 1. “यह आकाश तत्व तो है जीव आत्माओं का सिंहासन। आत्माओं का Read more…
1. “माया तुमसे जो छी–छी कर्म करायेगी वह कर्म जरूर विकर्म बनेगा। पहले नम्बर में जो कहते हैं ईश्वर सर्वव्यापी है, यह भी माया ने कहलाया ना। माया तुमसे हर बात में विकर्म ही करायेगी। कर्म–अकर्म–विकर्म का राज़ भी समझाया Read more…
“मीठे बच्चे – जिन्होंने शुरू से भक्ति की है, 84 जन्म लिए हैं, वह तुम्हारे ज्ञान को बड़ी रूचि से सुनेंगे, इशारे से समझ जायेंगे“ “प्रश्नः– देवी–देवता घराने के नजदीक वाली आत्मा है या दूर वाली, उसकी परख क्या Read more…
1. “यह भी बच्चों को समझाया है तुम जब ऊपर से आते हो तो वाया सूक्ष्मवतन से नहीं आते हो। अभी वाया सूक्ष्मवतन होकर जाना है। सूक्ष्मवतन बाबा अभी ही दिखाते हैं।” 2. “तुम जानते हो हम ही पूज्य Read more…