Waah Drama Waah! Waah Baba Waah!

Key Points From The Daily Murli – Hindi and English

Browsing:

Month: January 2025

Key Points From Daily Murli – 10th January 2025

 “प्रश्नः– इस संगमयुग पर आपके पास सबसे अमूल्य चीज़ कौन सी है, जिसकी सम्भाल करनी है? उत्तर:- इस सर्वोत्तम ब्राह्मण कुल में आपकी यह जीवन बहुत अमूल्य है, इसलिए शरीर की सम्भाल जरूर करनी है। ऐसे नहीं यह तो मिट्टी Read more…


Key Points From Daily Murli – 9th January 2025

 “मीठे बच्चे – तुम्हें विकर्मों की सज़ा से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है, इस अन्तिम जन्म में सब हिसाब–किताब चुक्तू कर पावन बनना है”   “प्रश्नः– धोखेबाज माया कौन–सी प्रतिज्ञा तुड़वाने की कोशिश करती है? उत्तर:- तुमने प्रतिज्ञा की Read more…


Key Points From Daily Murli – 8th January 2025

 1.     “ज्ञान काण्ड अलग है, भक्ति काण्ड अलग है। भक्ति करते–करते उतरते ही आते हैं। यह ज्ञान तो एक ही बार मिलता है। बाप एक ही बार सर्व की सद्गति करने आते हैं। बाबा आकर सबकी एक ही बार प्रालब्ध Read more…


Key Points From Daily Murli – 7th January 2025

 “प्रश्नः– जो ज्ञान के शौकीन बच्चे हैं, उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- वे आपस में ज्ञान की ही बातें करेंगे। कभी परचिंतन नहीं करेंगे। एकान्त में जाकर विचार सागर मंथन करेंगे।   प्रश्नः– इस सृष्टि ड्रामा का कौन सा राज़ Read more…


Key Points From Daily Murli – 6th January 2025

 “मीठे बच्चे – तुम्हारा एक–एक बोल बहुत मीठा फर्स्टक्लास होना चाहिए, जैसे बाप दु:ख हर्ता, सुख कर्ता है, ऐसे बाप समान सबको सुख दो“   “प्रश्नः– लौकिक मित्र–सम्बन्धियों को ज्ञान देने की युक्ति क्या है? उत्तर:- कोई भी मित्र–सम्बन्धी आदि Read more…


Key Points From Daily Murli – 5th January 2025

 1.     “राज अधिकारी अर्थात् सर्व सूक्ष्म और स्थूल कर्मेन्द्रियों के अधिकारी क्योंकि स्वराज्य है ना? तो कभी–कभी राजे बनते हो या सदा राजे रहते हो? मूल है अपने मन–बुद्धि–संस्कार के भी अधिकारी हो? सदा अधिकारी हो या कभी–कभी? स्व राज्य Read more…


Key Points From Daily Murli – 4th January 2025

 1.     “आत्मा जब शरीर से न्यारी हो जाती है तो दुनिया से सारा संबंध टूट जाता है। गीत भी कहता है अपने को आत्मा समझ अशरीरी बन बाप को याद करो तो यह दुनिया खत्म हो जाती है। यह शरीर Read more…


Key Points From Daily Murli – 3rd January 2025

 1.     “तुम्हारे तीर्थ हैं – घर में बैठ चुपके से मुक्तिधाम पहुँचना। दुनिया के तीर्थ तो कॉमन हैं, तुम्हारे हैं न्यारे। मनुष्यों का बुद्धियोग तो साधू–सन्तों आदि तरफ बहुत ही भटकता रहता है। तुम बच्चों को तो सिर्फ बाप को Read more…


Key Points From Daily Murli – 2nd January 2025

 “मीठे बच्चे – बाप का पार्ट एक्यूरेट है, वह अपने समय पर आते हैं, ज़रा भी फ़र्क नहीं पड़ सकता, उनके आने का यादगार शिवरात्रि खूब धूमधाम से मनाओ”   1.    “फाइनल तो होना है सतयुग में। वहाँ घर–घर में Read more…


Key Points From Daily Murli – 1st January 2025

 1.     “जैसे सागर के ऊपर में बादल हैं तो बादलों का बाप हुआ सागर। जो बादल सागर के साथ हैं उनके लिए ही बरसात है। वह बादल भी पानी भरकर फिर बरसते हैं। तुम भी सागर के पास आते हो Read more…


×