“मीठे बच्चे – सवेरे–सवेरे उठ बाप से मीठी रूहरिहान करो, बाप ने जो शिक्षायें दी हैं उन्हें उगारते रहो“ “प्रश्नः– सारा दिन खुशी–खुशी में बीते, उसके लिए कौन–सी युक्ति रचनी चाहिए? उत्तर:- रोज़ अमृतवेले उठकर ज्ञान की बातों में रमण Read more…
“प्रश्नः– अभी तुम बच्चों के पुरूषार्थ का क्या लक्ष्य होना चाहिए? उत्तर:- सदा खुशी में रहना, बहुत–बहुत मीठा बनना, सबको प्रेम से चलाना…. यही तुम्हारे पुरूषार्थ का लक्ष्य हो। इसी से तुम सर्वगुण सम्पन्न 16 कला सम्पूर्ण बनेंगे। प्रश्नः– जिनके Read more…
1. “स्वमान, अभिमान को खत्म कर देता है क्योंकि स्वमान है श्रेष्ठ अभिमान। तो श्रेष्ठ अभिमान अशुद्ध भिन्न–भिन्न देह–अभिमान को समाप्त कर देता है। जैसे सेकण्ड में लाइट का स्विच ऑन करने से अंधकार भाग जाता है, अंधकार को भगाया Read more…
1. “संगदोष में आकर व्यर्थ चिंतन, परचिंतन में अपना समय बरबाद करना यह है पाप। अगर कोई पुण्य करते–करते पाप कर लेते हैं तो की कमाई सारी खत्म हो जाती है। जो कुछ भी पुण्य किया वह सब खत्म हो Read more…
“हे प्रभू, ईश्वर, परमात्मा कहने और पिता अक्षर कहने में कितना फर्क हैं। हे ईश्वर, हे प्रभू कहने से कितना रिगार्ड रहता है। और फिर उनको पिता कहते हैं, तो पिता अक्षर बहुत साधारण है। पितायें तो ढेर के ढेर Read more…
“प्रश्नः– इस ड्रामा का बना–बनाया प्लैन कौन–सा है, जिससे बाप भी छूट नहीं सकता? उत्तर:- हर कल्प में बाप को अपने बच्चों के पास आना ही है, पतित दु:खी बच्चों को सुखी बनाना ही है – यह ड्रामा का प्लैन Read more…
“मीठे बच्चे – तुम्हारी नज़र शरीरों पर नहीं जानी चाहिए, अपने को आत्मा समझो, शरीरों को मत देखो” 1. “छोटा बच्चा महात्मा समान होता है। जैसे छोटे बच्चों को विकार आदि का पता नहीं रहता, वैसे वहाँ बड़ों को Read more…
“मीठे बच्चे – पतित से पावन बनाने वाले बाप के साथ तुम्हारा बहुत–बहुत लव होना चाहिए, सवेरे–सवेरे उठकर पहले–पहले कहो शिवबाबा गुडमार्निंग“ “प्रश्नः– एक्यूरेट याद के लिए कौन सी धारणायें चाहिए? एक्यूरेट याद वाले की निशानी क्या होगी? उत्तर:- Read more…
1. “आज सर्व खजानों के मालिक अपने चारों ओर के सम्पन्न बच्चों को देख रहे हैं। हर एक बच्चे को सर्व खजानों के मालिक बनाया है। ऐसा खजाना मिला है जो और कोई दे नहीं सकता। तो हर एक अपने Read more…
“मीठे बच्चे – योग, अग्नि के समान है, जिसमें तुम्हारे पाप जल जाते हैं, आत्मा सतोप्रधान बन जाती है इसलिए एक बाप की याद में (योग में) रहो” 1. “योग अग्नि माना याद की आग।“ 2. “बाबा ने Read more…