1. “बेहद का बाप आत्माओं को सुनाते हैं। आत्मा ही सुनती है। सब कुछ आत्मा ही करती है – इस शरीर द्वारा इसलिए पहले–पहले अपने को आत्मा जरूर समझना है।” 2. “योग अर्थात् पढ़ाने वाले की याद। यह बाप Read more…
1. “आप ब्राह्मणों के ऊपर परमात्म छत्रछाया है। जैसे वाटरप्रूफ कितना भी वाटर हो लेकिन वाटरप्रूफ द्वारा वाटरप्रूफ हो जाते हैं। ऐसे ही कितनी भी हलचल हो लेकिन ब्राह्मण आत्मायें परमात्म छत्रछाया के अन्दर सदा प्रूफ हैं। बेफिकर बादशाह हो Read more…
“मीठे बच्चे – सारा मदार कर्मों पर है, सदा ध्यान रहे कि माया के वशीभूत कोई उल्टा कर्म न हो जिसकी सजा खानी पड़े“ 1. “इस पुरानी दुनिया को देखते हुए भी न देखो।“ 2. “बाप का भी Read more…
“प्रश्नः– बाप ने तुम्हें ऐसी कौन–सी समझ दी है जिससे बुद्धि का ताला खुल गया? उत्तर:- बाप ने इस बेहद अनादि ड्रामा की ऐसी समझ दी है, जिससे बुद्धि पर जो गॉडरेज का ताला लगा था वह खुल गया। पत्थरबुद्धि Read more…
“मीठे बच्चे – तुम्हें जो भी ज्ञान मिलता है, उस पर विचार सागर मंथन करो, ज्ञान मंथन से ही अमृत निकलेगा” “प्रश्नः– 21 जन्मों के लिए मालामाल बनने का साधन क्या है? उत्तर:- ज्ञान रत्न। जितना तुम इस पुरूषोत्तम Read more…
“मीठे बच्चे – सारा मदार याद पर है, याद से ही तुम मीठे बन जायेंगे, इस याद में ही माया की युद्ध चलती है” “प्रश्नः– इस ड्रामा में कौन सा राज़ बहुत विचार करने योग्य है? जिसे तुम बच्चे Read more…
1. “हम कौन हैं? आत्मा। आत्मा को ही पवित्र बनना है। आत्मा पवित्र बनती है तो शरीर भी पवित्र मिलता है। आत्मा के पतित बनने से शरीर भी पतित मिलता है। यह शरीर तो मिट्टी का पुतला है। आत्मा तो Read more…