01/12/2024 हर एक ब्राह्मण आत्मा का ब्राह्मण जीवन का आदिकाल स्नेह की शक्ति द्वारा ही हुआ है। ब्राह्मण जन्म की यह स्नेह की शक्ति वरदान बन आगे बढ़ा रही है। सबसे पहली स्मृति सबको क्या मिली? पहला पाठ याद है Read more…
1. “ऐसा नहीं, जो सुख देता है वही दु:ख भी देता है। नहीं, सुख बाप देते हैं, दु:ख माया रावण देता है।” 2. “यह ज्ञान तुम्हें अभी ही मिलता है क्योंकि तुम जानते हो अभी आत्मा पतित बन पड़ी Read more…
“मीठे बच्चे – आत्मा रूपी बैटरी को ज्ञान और योग से भरपूर कर सतोप्रधान बनाना है, पानी के स्नान से नहीं” “प्रश्नः– इस समय सभी मनुष्य आत्माओं को भटकाने वाला कौन है? वह भटकाता क्यों है? उत्तर:- सभी को Read more…
“प्रश्नः– ईश्वरीय मत, दैवी मत और मनुष्य मत में कौन–सा मुख्य अन्तर है? उत्तर:- ईश्वरीय मत से तुम बच्चे वापिस अपने घर जाते हो फिर नई दुनिया में ऊंच पद पाते हो। दैवी मत से तुम सदा सुखी रहते हो Read more…
1. “ब्रह्मा भी है तो शिवबाबा भी है। अगर यह ब्रह्मा नहीं होता तो शिवबाबा भी नहीं होता। अगर कोई कहे कि हम तो शिवबाबा को ही याद करते हैं, ब्रह्मा को नहीं, परन्तु शिवबाबा बोलेंगे कैसे?” 2. “जानते Read more…
“प्रश्नः– दुनिया में कौन–सा ज्ञान होते हुए भी अज्ञान अन्धियारा है? उत्तर:- माया का ज्ञान, जिससे विनाश होता है। मून तक जाते हैं, यह ज्ञान बहुत है लेकिन नई दुनिया और पुरानी दुनिया का ज्ञान किसी के पास नहीं है। Read more…
1. “बाप सारे झाड़ की नॉलेज सुनाते हैं। तुम्हें फिर से स्मृति दिलाते हैं। तुम सो देवता थे फिर वैश्य, शूद्र बने। अभी तुम ब्राह्मण बने हो। यह अक्षर कभी कोई संन्यासी उदासी, विद्वान द्वारा सुने हैं? यह हम सो Read more…
1. “देह–अभिमान की बीमारी बहुत कड़ी है। बाबा मुरली में समझाते हैं, कइयों को तो ज्ञान का उल्टा नशा चढ़ जाता है, अहंकार आ जाता है फिर याद भी नहीं करते, पत्र भी नहीं लिखते। तो बाप भी याद कैसे Read more…
1. “मनुष्य ही पुकारते हैं – हे पतितों को पावन बनाने वाले आओ। देवी–देवतायें ऐसे कभी नहीं कहेंगे। पतित–पावन बाप पतितों के बुलावे पर आते हैं। आत्माओं को पावन बनाकर फिर नई पावन दुनिया भी स्थापन करते हैं। आत्मा ही Read more…
1. “बच्चे कहते वाह बाबा वाह! और बाप कहते वाह बच्चे वाह! बस इसी भाग्य को सिर्फ स्मृति में नहीं रखना है लेकिन सदा स्मृति स्वरूप रहना है। कई बच्चे सोचते बहुत अच्छा हैं लेकिन सोचना स्वरूप नहीं बनना है, Read more…