1. “मीठे बच्चे – इस बेहद के खेल में तुम आत्मा रूपी एक्टर पार्टधारी हो, तुम्हारा निवास स्थान है – स्वीट साइलेन्स होम, जहाँ अब जाना है” “Sweet children, you souls are actors in this unlimited play. That sweet silence Read more…
1. “प्रश्नः–देवताओं में कौन–सी ताकत है और वह ताकत किस विशेषता के कारण है? उत्तर:-देवताओं में सारे विश्व पर राज्य करने की ताकत है, वह ताकत विशेष एक मत की विशेषता के कारण है। वहाँ एक मत होने के कारण Read more…
1. “प्रश्नः- बाप से वर्सा लेने के पहले का पुरुषार्थ और उसके बाद की स्थिति में क्या अन्तर होता है? उत्तर:- जब तुम बाप से वर्सा लेते हो तो देह के सब सम्बन्धों को छोड़ एक बाप को याद करने Read more…
1. “अभी भी बाप आया हुआ है। तुम जानते हो बाबा हमको पुरुषोत्तम बना रहे हैं। यह है ही पुरुषोत्तम संगमयुग। तुम बच्चे जानते हो – हम पुरुषोत्तम कैसे बनते हैं। तुमसे पूछते हैं तुम्हारा उद्देश्य क्या है? बोलो, मनुष्य Read more…
1. “सतयुग में भक्ति होती ही नहीं। पुजारी एक भी होता नहीं, पूज्य ही पूज्य हैं। आधाकल्प हैं पूज्य, आधाकल्प हैं पुजारी।” “There is no devotion in the golden age; there isn’t a single worshipper there. Everyone there is worthy Read more…
1. “इतनी बड़ी अथॉरिटी का स्वमान बच्चों को दिया। तो हर एक अपने को इतना स्वमानधारी समझते हैं? स्वमानधारी का विशेष लक्षण क्या होता है? जितना जो स्वमानधारी होगा उतना ही सर्व को सम्मान देने वाला होगा। जितना स्वमानधारी उतना Read more…
1. “ओम् शान्ति। ओम् शान्ति तो बहुत मनुष्य कहते रहते हैं। बच्चे भी कहते हैं, ओम् शान्ति। अन्दर जो आत्मा है – वह कहती है ओम् शान्ति। परन्तु आत्मायें तो यथार्थ रीति अपने को जानती नहीं हैं, न बाप को Read more…
1. “प्रश्नः- गोल्डन स्पून इन माउथ दो प्रकार से प्राप्त हो सकता है, कैसे? उत्तर:- एक भक्ति में दान-पुण्य करने से, दूसरा, ज्ञान में पढ़ाई से। भक्ति में दान-पुण्य करते हैं तो राजा या साहूकार के पास जन्म लेते हैं Read more…
1. “प्रश्नः- तुम्हारा ईश्वरीय कुटुम्ब किस बात में बिल्कुल ही निराला है? उत्तर:- इस ईश्वरीय कुटुम्ब में कोई एक रोज़ का बच्चा है, कोई 8 रोज़ का लेकिन सब पढ़ रहे हैं। बाप ही टीचर बनकर अपने बच्चों को पढ़ा Read more…
1. “तुम ब्राह्मणों का सारा मदार है साइलेन्स पर।” “Everything for you Brahmins depends on silence.” 2. “यह सिर्फ तुम बच्चे ही जानते हो, ब्राह्मण ही स्वदर्शन चक्रधारी बनते हैं। देवता कोई स्वदर्शन चक्रधारी कहला न सके। कितना रात दिन Read more…