1. “इसलिए बापदादा सभी बच्चों को यही स्मृति दिलाते हैं कि सदा हर एक से दुआयें लो और दुआयें दो। अपने दुआओं की शुभ भावना से मंगल मिलन मनाओ क्योंकि अगर कोई बद-दुआ देता भी है, वह तो परवश है Read more…
1. “बापदादा को आज के दिन सच्चे भगत भी बहुत याद आ रहे हैं। वह व्रत रखते हैं एक दिन का और आपने व्रत रखा है सारे जीवन में सम्पूर्ण पवित्र बनने का। वह खाने का व्रत रखते हैं, आपने Read more…
1. “इतने बड़े भाग्य की प्राप्ति के लिए पुरुषार्थ कितना सहज हुआ। सिर्फ दिल से जाना, माना और अपना बनाया “मेरा बाबा”। दिल से पहचाना, मैं बाबा का, बाबा मेरा। मेरा मानना और अधिकारी बन जाना। अधिकार भी कितना बड़ा Read more…
1. “चेकिंग बहुत आवश्यक है क्योंकि माया वर्तमान समय भिन्न-भिन्न रॉयल प्रकार के अलबेलापन और रॉयल आलस्य के रूप में ट्रायल करती रहती है इसलिए अपनी चेकिंग सदा करते चलो। इतने अटेन्शन से, अलबेले रूप से चेकिंग नहीं – बुरा Read more…
1. “स्नेह की अनुभूति अनेक परमात्म खजाने के मालिक बनाने वाली है और सर्व परमात्म खजानों की गोल्डन चाबी बाप ने सर्व बच्चों को दी है। जानते हो ना! वह गोल्डन चाबी क्या है? वह गोल्डन चाबी है – “मेरा Read more…
1. “पहले यह चेक करो कि निमित्त भाव है? कोई भी रॉयल रूप का मैं पन तो नहीं है? मेरापन तो नहीं है? साधारण लोगों का मैं और मेरा भी साधारण है, मोटा है लेकिन ब्राह्मण जीवन का मेरा और Read more…
1. “रूहानी फ़खुर में रहते हो इसलिए बेफिक्र बादशाह हो। सवेरे उठते हैं तो भी बेफिक्र, चलते फिरते, कर्म करते भी बेफिक्र और सोते हो तो भी बेफिक्र नींद में सोते हो। ऐसे अनुभव करते हो ना!” 2. “बेफिक्र Read more…
1. “वाह भाग्य विधाता! और वाह मेरा भाग्य! इस श्रेष्ठ भाग्य की विशेषता यही है – एक भगवान द्वारा तीन सम्बन्ध की प्राप्ति है। एक द्वारा एक में तीन सम्बन्ध, जो जीवन में विशेष सम्बन्ध गाये हुए हैं – बाप, Read more…
1. “हर एक के दिल में “मेरा बाबा” इसी स्नेह का गीत बज रहा है। स्नेह ही इस देह और देह के सम्बन्ध से न्यारा बना रहा है। स्नेह ही मायाजीत बना रहा है। जहाँ दिल का स्नेह है वहाँ Read more…
1. “हर एक बच्चे के तीन राज तख्त देख रहे हैं। यह तीन तख्त सारे कल्प में इस संगम पर ही आप बच्चों को प्राप्त होते हैं। दिखाई दे रहे हैं तीन तख्त? एक तो यह भ्रकुटी रूपी तख्त, जिस Read more…